#2020FNReport ये साल Unsung Heros के नाम…!

    30-Dec-2020   
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दोस्तों जब हम २०२० इस साल की बात करते हैं तो एक बडा सा नाम हमारी आँखों के सामने आता है, वो है “कोविड_१९” | इस एक बीमारी ने हमारी जिंदगी बदल कर रख दी | फिर चाहे वो रोजमर्रा का जीवन हो या फिर बडे बडे प्लान्स, नौकरी और काम करने का तरीका हो या फिर परिवार के साथ बिताया हुआ समय | लेकिन हमारे लिये ये काम शायद उतना कठिन ना हों | उन लोगों की सोचिये जो इस कोविड के समय जी जान लगा कर काम कर रहे थे, जिसके कारण हमारी जिंदगी आसान हो सकी | डॉक्टर्स, पुलिस वाले, नर्सिंग स्टाफ, आदि सभी के बारे में हम सोचते हैं, उनका काम भी बहुत बडा है | लेकिन इन सब में कुछ ऐसे Unsung Heroes छूट जाते हैं, जिनके बारे में शायद हम भूल जाते हैं, पर उनका काम इतना बडा है कि उनके बिना हमारी जिंदगी कोविड काल में कभी आसान नहीं हो पाती | आज हम ऐसे ही Unsung Heroes को एक सेल्युट करने जा रहे हैं |


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आपने कभी सोचा है कि आपके घर से जो कचरा लेकर जाते हैं, यदि वे आना बंद कर दें, या वे ‘वर्क फ्रॉम होम’ की बात करें (जो कि संभव नहीं है, लेकिन फिर भी) तो आप क्या करेंगे ? आपका काम कैसे चलेगा ? आप वो कचरा कहाँ डालेंगे ? नहीं सोच सकते ना आप इनके बिना अपनी जिंदगी ? कोरोना के काल में ऐसे हजारो वर्कर्स थे, जो अपनी जान की परवाह किये बिना कोरोना पेशंट्स के घर से कचरा लेकर जा रहे थे | उन्होंने इस बात की ना कोई शिकायत की ना कोई आना कानी, उल्टा कई जगहों पर वे दरवाजे के बाहर से ही लोगों का हाल चाल पूछ कर जाते थे, मदत करते थे | यदि सॅनेटायझेशन वर्कर्स कहते कि वे ये काम नहीं कर सकते, क्यों कि उन्हें कोरोना का सर्वाधिक खतरा है, तो शहर का सारा कचरा कौन लेकर जाता ? कौन इस कोरोना काल में सबसे आवश्यक बात ‘सफाई’ पर ध्यान देता ? एक सॅल्युट ऐसे सफाई कर्मचारियों को जिन्होंने इस पूरे काल में लोगों का, शहर का और सफाई का ध्यान रखा है |

जब बात कोरोना की होती है, तो हॉस्पिटल, और वहाँ का स्टाफ आता ही है | अक्सर हम जब अस्पतालों की बात करते हैं तो डॉक्टर्स और नर्स के बारे में ही सोचते हैं | लेकिन क्या आपको ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ फिल्म का ‘मनसुख’ याद है ? आज हमारे देश में ऐसे हजारों मनसुख अपनी जान की बाजी लगाकर लोगों की सफाई का काम कर रहे हैं | कोरोना से पीडित लोगों की साफ सफाई, क्रिटिकल पेशंट्स की साफ सफाई, उनका कचरा और गंदगी उठाने से लेकर उनके कमरे की सफाई तक हर काम वे करते हैं | क्या उन्हें कोरोना का जर नहीं होगा? क्या उनके घर में परिवार नहीं होगा ? लेकिन वे बिना इसकी फिक्र किये अपने काम के प्रति ईमानदारी रख कर हॉस्पिटल में सफाई का काम करते आ रहे हैं | आज हमारा एक सॅल्युट उन सफाई कर्मचारियों को भी जिन्होंने ना केवल कोरोना के मरीजों का बल्कि पूरे अस्पताल का, वहाँ के हर एक पेशंट की सफाई का ध्यान रखा है | वे भी सही मायने में हीरोज हैं |


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हम अक्सर उन लोगों को भी भूल जाते हैं, जिन्होंने स्वयं आगे आकर कोरोना काल में कोविड सेंटर्स में वॉलिंटिअर्स के तौर पर काम किया | महाराष्ट्र के कई जिलों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की युवा टोली ने, और कई स्वयंसेवकों ने मिलकर अपनी चिंता किये बिना कोविड सेंटर्स में काम करने का निर्णय लिया | पुणे की युवा कार्यकर्ता श्रुति शिधये और स्वयंसेवक अथर्व क्षीरसागर ने वॉलेंटिअर के तौर पर स्वयं आगे आकर कोविड सेंटर्स में जाकर मदत की | इस पूरी घटना में अथर्व स्वयं भी कोविड पॉजिटिव्ह हुए पर उन्होंने हार नहीं मानी | उनके माता पिता कहते हैं, अथर्व के ठीक होने पर वो फिर एक बार कोविड सेंटर में जाकर मदत करेगा | यह अपने आप में एक बहुत बडी बात है |


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बात जब कोरोना की आती है तो प्रवासी मजदूर आँखों के सामने आ ही जाते हैं | और जब प्रवासी मजदूरों की बात निकले तो हमें सोनू सूद याद आते हैं | उनका काम बहुत बडा था और उन्हें बहुत प्रसिद्धी भी मिली लेकिन हम उन Unsung Heroes को भूल जाते हैं जिन्हेंने बिना कुछ सोचे बिना कुछ समझे आगे आकर इन प्रवासी मजदूरों की मदत की| कितने ऐसे लोग हैं, जिन्होंने प्रवासी मजदूरों को चप्पल पहनाई, खाना खिलाया, जिन्होंने ठेले और खोमचे वालों के व्यवसाय को डूबने से बचाया, जिन्होंने सॅलेरी ना मिलते हुए भी अपना काम ईमानदारी से किया क्यों कि इस परिस्थिती में वे अपने देश और देश के लोगों को अकेला नहीं छोडना चाहते थे | कितने ऐसे लोग हैं जिन्होंने स्वयं से पहले देश और देश की जनता के बारे में सोचा, जिनके नाम तक हमें आज मालूम नहीं है |ऐसे लोगों ने नाम के लिये या पैसे के लिये काम नहीं किया, बल्कि काम किया अपने लोगों के लिये, जो शायन उन्हें जानते तक नहीं थे |


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हम अक्सर किसी बडी सेलिब्रिटी ने पैसे दान किये तो तारीफों के पुल बांधने लगते हैं, अक्सर किसी नामचीन व्यक्ति ने कोई नेकी का काम किया तो उसका उदाहरण पेश करने लगते हैं, लेकिन हम आसानी से उन Unsung Heroes को भूल जाते हैं, जिनका ना कोई नाम है ना पता, जिनका बस काम बोलता है | आज इस एक लेख के माध्यम से हम उन सभी Unsung Heroes को बताना चाहते हैं कि हम उनके साथ हैं, और हम उनका बहुत सम्मान करते हैं, हम उन्हें बताना चाहते हैं, कि यदि वे ना होते तो शायद आज हम भी ना होते | हम उन्हें धन्यवाद कहना चाहते हैं |

२०२० इस एक साल ने हमें बहुत कुछ सिखाया पर सबसे ज्यादा कुछ सिखाया तो लोगों की इज्जत करना और ईमानदारी से एकजुट होकर देश हित में कार्य करना | और ये सभी Unsung Heroes इस साल का एक प्रमुख हिस्सा रहें हैं| Fikarnot.online की पूरी टीम की ओर से इन सभी Unsung Heroes को एक ग्रँड सेल्युट |


 

- निहारिका पोल सर्वटे