उस लावण्या की क्या गलती थी ?

१२वी कक्षा में पढने वाली एक १७ साल की बच्ची की जिंदगी से क्या अपेक्षा होगी ?

    25-Jan-2022
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१२वी कक्षा में पढने वाली एक १७ साल की बच्ची की जिंदगी से क्या अपेक्षा होगी ? यही कि अच्छे अंकों से १२वी की परीक्षा वो पास करे, अच्छी पढाई करे, रहने खाने को अच्छा मिले यही ना ? सामान्य हालातों में एक १७ साल की बच्ची की यही अपेक्षा होनी चाहिये, लेकिन तामिलनाडू की लावण्या के साथ परिस्थितीयाँ सामान्य नहीं थी, हार कर उसने खुदकुशी कर ली | धर्मांतरण के चलते एक नन्हीं हिंदु बालिका दम तोड देती है, और समाज मूक बैठा रहता है | अभी कोई चिल्लाचोट मचाने वाली चर्चाएँ नहीं हो रहीं, ना ही कोई कँडल मार्च | अब किसी भी सेलिब्रिटी को हमारा भारत एक असुरक्षित स्थान नहीं लग रहा, और अब कोई सेलिब्रिटी #JusticeforLavanya के पोस्टर्स लेकर खडा नजर नहीं आ रहा |


Lavanya


तामिलनाडू में १७ साल की एक बच्ची को ईसाई बनने के लिये कहा जाता है | मना करने पर उससे गंदे टॉयलेट्स साफ करवाए जाते हैं | हर दिन की हर रोज की ये प्रताडना है | जीना है, सम्मान से जीना है तो भाई हिंदू धर्म छोड कर ईसाई बनो, नहीं तो यही प्रताडित जिंदगी जीते रहो | इस नन्हीं बालिका को हिंदु धर्म छोडने से मर जाना सही लगता है, और १७ साल की एक बालिका इतनी छोटी सी उम्र में संसार को ‘अलविदा’ कह देती है | इससे भयंकर भी कुछ हो सकता है ?

इंटरनेट पर इस बात पर लोगों का गुस्सा फूट रहा है | हिंदुओं का कहना है कि और कब तक हम सहिष्णु बन कर रहें ? कब तक धर्म के नाम पर ऐसे ही १७-१८ साल के बच्चे अपनी जान गंवाते रहेंगे? कब तक हमें काश्मीर और कैराना जैसे स्थानों से अपने घर छोड कर एक नयी जिंदगी बसानी होगी ? कब तक बाकी धर्म हम पर निशाना साध सकते हैं, लेकिन हम उफ तक नहीं कर सकते ? आखिर कब तक?

इन सारे सवालों का क्या हमारे पास कोई जवाब है ? एक समाज के तौर पर क्या हम सजग हैं ? आस पास घटने वाली ऐसी घटनाओं को लेकर क्या हम अपनी तरफ से आवाज उठा रहे हैं ? प्रश्न एक बच्ची की जान का है, और शायद ऐसी कई और बच्चियों की जान का है, जो रोज ऐसा प्रताडनापूर्ण जीवन जी रही हैं | और अपनी जान न्यौछावर करने को मजबूर हो गई हैं |

क्या है मामला? :

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लावण्या तंजावुर में सेंट माइकल्स गर्ल्स होम नाम के एक बोर्डिंग हाउस में थी. 12वीं की छात्रा लावण्या ने 9 जनवरी को जहर खाकर खुदकुशी का प्रयास किया था. जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लावण्या के पिता मुरुगनंदम को 10 जनवरी को बताया गया कि उनकी बेटी को उल्टी होने और पेट में तेज दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिसके बाद मुरुगनंदम ने लावण्या को तंजावुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया था. लेकिन, 19 जनवरी को अस्पताल में उसकी मौत हो गई.

लावण्या की मौत के बाद उसका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह बता रही थी कि 'उस पर ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव बनाया जाता था. और, उसकी हॉस्टल वार्डन द्वारा हॉस्टल के सभी कमरों और टॉयलेट को साफ करने के लिए भी कहा जाता था.' लावण्या के माता-पिता का कहना है कि हॉस्टल की ओर से केवल ये बताया गया था कि आपकी बेटी को पेट में तेज दर्द और उल्टी की शिकायत है. जब लावण्या को होश आया, तो उसने आत्महत्या के प्रयास और उसके पीछे की आपबीती बताई. जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. टीवी9 की एक रिपोर्ट के अनुसार, एसपी रावली प्रिया ने 20 जनवरी को कहा था कि लावण्या का मामला धर्मांतरण से जुड़ा नही है. हालांकि, अब मामले के सुर्खियों में आने पर पुलिस ने वार्डन सकाया मारी को गिरफ्तार कर लिया है 

लावण्या ने व्हिडियो में कहा है कि उसके माता पिता से उसके सामने ही कहा गया था कि यदि वे क्रिश्चन धर्म में मुझे परिवर्तित करेंगे तो मेरी आगे की पढाई का खर्चा भी ‘वो’ उठाएँगे | क्योंकि मैंने “उनकी” बात नहीं मानी इसलिये मुझे बार बार प्रताडित किया गया |

एक बच्ची की इस तरह से जान जाना अपने आप में बहुत बडी और बहुत भयंकर बात है | तमिलनाडू में भारतीय जनता पार्टी और विद्यार्थी परिषद की ओर से प्रदर्शन भी किये गए और आवाज भी उठाई गयी, लेकिन किसी धर्म विशेष का साथ देने के लिये खडे सेलिब्रिटीज आज लावण्या का साथ निभाते नहीं नजर आ रहे |

इस मामले में आगे क्या होता है, जानना महत्वपूर्ण होगा |

अगर ऐसी और लावण्याओं को बचाना है, तो धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठाएं, आखिर धर्म ये ज्याती मामला है, और इस पर किसी का दबाव नहीं हो सकता |