पिछले साल याने कि २०२० में कोरोना ने भारत में दस्तक दी और भारत की परिस्थिती पूरी तरह बदल गई | लोग घरों में कैद हो गए, लॉकडाउन लगा, यह केवल हमारे देश में नहीं तो पूरी दुनिया में हो रहा था, जो जहाँ था वहीं अटक गया | हमारे लिये ये पहला अनुभव था, पहली व्हेव में हम बहुत सतर्क थे | फिर अनलॉक हुआ, जिंदगी थोडी सामान्य हुई कि अचानक कोरोना की दूसरी लहर आई, जो पहले से भी बहुत ज्यादा भयंकर थी, अब तो नौजवान, हट्टे कट्टे लोग कोरोना का शिकार हो रहे थे | हम इस लहर से भी संभले, और बस अब उबर ही रहे हैं, लेकिन क्या हम तीसरी लहर को आमंत्रण दे रहे हैं ? हाल ही में मनाली के मॉल रोड की तस्वीर आई जिसने सभी को डरा दिया | क्या ये तीसरी लहर का आमंत्रण है ?
जैसे ही दूसरा लॉकडाउन उठा और पर्यटन की फिर शुरुआत हुई, तपती गर्मी से बचने के लिये लोगों नें मनाली की वादियों में जाना सही समझा, और मनाली में लग गई भीड | दो महीनों पहले तक अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे थे, अब हॉटेल्स में नहीं मिल रहे हैं | यह हमारे लिए एक डरावना और भयावह संकेत है | कोरोना से डर के भले ही नहीं जीना है, लेकिन इस देश के एक नागरिक होने के नाते हमें यह भी खयाल रखना है कि कहीं हम इस तीसरी लहर का कारण ना बनें |
मनाली की यह तस्वीर भयभीत कर देने वाली है, कि इन दोनों लहरों से हमनें शायद कुछ नहीं सीखा है | हम अभी भी जस के तस हैं | फिर तीसरी लहर आएगी, फिर अस्पताल में बेड नहीं मिलेंगे, फिर हम सरकार के नाम से रोएँगे और फिर अनलॉक होते ही सैर सपाटे पर निकल जाएँगे | यह कहाँ तक सही है ? देश के कोरोना को भगाना है, तो हमें जिम्मेदार नागरिक की तरह पेश आना ही होगा, हम अगर यह जिम्मेदारी नहीं लेंगे, तो हम हमारा हीआने वाला भविष्य खतरे में डाल रहे हैं |
तो अब जरा सोचिये क्या आप भी इस भीड का हिस्सा बनना चाह रहे हैं ? क्या आपको भी तीसरी लहर का कारण बनना है ? क्या आप भी चाहते हैं, कि आपके इस तरह बेखौफ होकर घूमने के कारण कोई और अपने घर के चिराग को खो दे ? यदि नहीं तो अभी भी संभल जाएँ | तीसरी लहर रुक सकती है, अगर हम कुछ और दिन अपने घर में रुक गए तो | भारत को तीसरी लहर से बचाना है, तो घूमने की इस इच्छा पर ताला मारिये, और अपने अपने घरों पर रहिये |
शायद तभी हम भारत को कोरोना की आने वाली कई सारी लहरों से बचा सकेंगे | समय है, अभी भी संभल जाईये |