ऐसा कहते हैं यदि आपमें विल पावर हैं, तो आप दुनिया की कोई भी जंग जीत सकते हैं | वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का मानना है, जब आपका मन मान लेता है कि आप बीमार है, तो उस बीमारी के लक्षण आपके शरीर में दिखने लगते हैं | अभी के इस कठिन काल में ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है | अधिकतर जो पेशंट्स कोरोना के चलते हॉस्पिटल्स में एडमिट हो रहे हैं, उनमें अकेलेपन के कारण विल पावर की कमीं नजर आ रही है, जिससे वे जिंदगी की जंग हार रहे हैं | साफ शब्दों में कहा जाए तो, अधिकतर पेशंट्स खासकर जवान पेशंट्स डर, और मानसिक शक्ति के कम होने के कारण भी जिंदगी की जंग हार रहे हैं | ऐसे में शारीरिक स्वास्थ्य के साथ आपको आपके मानसिक स्वास्थ्य की ओर ध्यान देना भी आवश्यक है |
हाल ही में कई ऐसे मामलें सामने आए हैं, जिसमें डॉक्टरों ने बताया है कि, पेशंट्स की बॉडी ट्रीटमेंट को रिस्पॉन्स नहीं दे रही, जिसका एक बडा कारण मानसिक तौर पर हार जाना है | और इसमें पेशंट्स की गलती भी नहीं है, आप स्वयं ही सोच कर देखिये ना, एक पेशंट जो आयसीयू में एडमिट है, उसके आस पास लोगों की मृत्यु हो रही है, आस पास का माहौल काफी दर्दनाक और कठिन है, उसके लिये मानसिक हालात ठीक रखना, विल पावर बनाए रखना कितना कठिन है ? है ना ? लेकिन ऐसी ही परिस्थिती में हिंमत बांधए रखना जरूरी है, सिर्फ आपके ही नहीं, लेकिन आपके परिवार के लिये भी…!
इस कठिन काल में यदि आप कोविड पॉजिटिव्ह हैं, या आपके कोई साथवाले, परिवार के सदस्य कोविड पॉजिटिव्ह हैं, तो आप अपना और उनका मनोबल बढाए रखें…!
१. सकारात्मक विचार : ऐसे समय में सकारात्मक विचार करना बहत आवश्यक है | सकारात्मक विचार साथ हों, तो बडी से बडी जंग जीती जा सकती है | आपके विचारों का लक्ष्य इस काले सिक्के की सफेद बाजू को देखने की तरफ होना चाहिये, आप सोचिये कि आप जल्द ही ठीक हो जाएँगे, आपके घरवाले आपका इंतेजार कर रहे हैं, आपको ठीक होने में भले ही समय लग रहा हो, लेकिन आप हिंमत बांधे रखेंगे, और आप इससे बाहर आएँगे | जब आप बार बार आपके मस्तिष्क को ये बताएँगे, तो अवश्य ही आपका मस्तिष्क सकारात्मक विचारों के जरिये, आपके शरीर को बताएगा, कि उसे ठीक होना ही है | ऐसे में शरीर भी ट्रीटमेंट को साथ देगा, और आप धीरे धीरे ठीक हो जाएँगे | यदि आपके पहचान में या परिवार में कोई बीमार है, हॉस्पिटल में है, तो उसे भी अपने विचार सकारात्मक दिशा में मोडने को कहें, प्रयत्न करें कि आप उनसे कोई नकारात्मक बात ना करें, नकारात्मक खबर ना दें | अच्छी यादों को याद करें, अच्छे भविष्य की कल्पना करें |
२. अच्छा सुनें, घरवालों से बात करते रहें : यदि आपकी तबियत इतनी ठीक है कि आप कुछ अच्छा सुन सकते हैं तो मन में अच्छे विचार लाने वाले मोटिवेशनल पॉडकास्ट, गाने या इस तरह से कोई भी ऑडियो सुनें. हनुमान चालिसा, राम रक्षा, जिस पर भी आपका विश्वास हो, आप सुनें और ध्यान केंद्रित करें | घरवालों से ऑडियो व्हिडियो कॉल के माध्यम से बात करते रहें | यदि वे अपने फोटोज व्हिडियोज भेज रहे हैं, तो उससे प्रेरित हों, और उनके लिये ठीक होने के लिये अपना मनोबल बढाएँ | आपके परिवार में यदि कोई कोविड पॉजिटिव्ह हैं, तो उनका भी मनोबल बढाएँ, उन्हें और डराएँ नहीं | उन्हें अचानक से अलग थलग कर देना, अछूतों जैसा व्यवहार करना, यह सब उनके लिये, उनके मनोबल के लिये नकारात्मक साबित हो सकता है, अत: सभी प्रिकॉशन्स का पालन करते हुए उनका ध्यान रखें, उन्हें अकेला न महसूस होने दें |
३. ध्यान, मेडिटेशन करें : यदि आप अस्पताल में भी हैं, तो ध्यान और मेडिटेशन करने का प्रयत्न करें | विश्वास रखें की समय के साथ सब सही हो जाएगा | मेडिटेशन के बाद आप स्वयं हल्का महसूस करेंगे | ध्यान करने से आप अच्छा महसूस करेंगे | आपका मनोबल बढेगा | याद रखिये आपका मनोबल ही सबकुछ है | यदि वह बढा रहा तो आप कठिन से कठिन परिस्थिती को भी मात दे सकते हैं, वरना परिस्थिती आपको मात दे देगी, इसलिये आपका मनोबल ऊंचा होना आवश्यक है |
इस वक्त पूरा देश एक बहुत कठिन परिस्थिती का सामना कर रहा है | ऐसे में लोगों को डराने की बजाए, नकारात्मक खबरें उन तक पँहुचाने की बजाए, उनका मनोबल बढाने पर ध्यान दें | अपना खयाल रखें और दूसरों का भी. समय सब सही कर देगा, और धीरे धीरे हम भी इस परिस्थिती पर मात करते हुए इससे बाहर आएंगे, लेकिन तब तक खयाल रखें |
- निहारिका पोळ सर्वटे