और इस एक ट्वीट के कारण अनुपम खेर हो गए ट्रोल ..!

    26-Apr-2021
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आप सब तो जानते ही हैं, कि आजकल एक ट्वीट भी इंसान की इमेज बना या बिगाड सकता है | लोग रातों रात एक ट्वीट के कारण फेमस हो जाते हैं, फिर वो फेम चाहे ट्रोल से ही क्यों ना मिला हो | लेकिन जब ऐसा किसी प्रसिद्ध एक्टर के साथ हो रहा हो, वो भी तब जब वो बात महामारी पर कर रहे हों, तो थोडा अजीब लगता है, है ना ? बात हो रही है, अनुपम खेर की | आज सुबह से ही वे ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे हैं, जिसके पीछे का कारण है, उनका प्रसिद्ध पत्रकार शेखर गुप्ता के ट्वीट को जवाब देना | आईये देखते हैं, क्या है माजरा ?


Anupam Kher_1  


शेखर गुप्ता ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, “मैं साठ के दशक में जन्मा व्यक्ति होने के कारण मैंने इस देश में बहुत कुछ होते देखा है, फिर चाहे वो ३ बडे युद्ध, विविध आपत्कालीन स्थितियाँ या फिर भुखमरी ही क्यों ना हो, लेकिन पहली बार में सरकार को सोया हुआ देख रहा हूँ, कोई कंट्रोल रूम नहीं हैं, फोन करने के लिये, ना कोई व्यवस्था |”


इस ट्वीट के जवाब में अनुपम खेर लिखते हैं कि, “शेखर जी ये कुछ ज्यादा ही हो गया,आपके स्टैंडर्ड से भी।करोना एक विपदा है।पूरी दुनिया के लिए।हमने इस महामारी का सामना पहले कभी नहीं किया।सरकार की आलोचना ज़रूरी है।उनपे तोहमत लगाइए।पर इससे जूझना हम सबकी भी ज़िम्मेदारी है।वैसे घबराइए मत।आएगा तो मोदी ही!!! जय हो !!!”


उनके इस एक ट्वीट के कारण अनुपम खेर सुबह से ट्रोल हो रहे हैं | जिसका एकमेव कारण है, उनके ट्वीट की आखरी लाईन | आजकल हमारे देश में ऐसा हो गया है, कि भई किसी ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ कर दी तो इंटरनेट पर बैठे लोग उसे बस ट्रोल ही कर के दम लेते हैं | अनुपम खेर भी इसी वजह से ट्रोल हो गए |


वैसे अनुपम खेर ने कुछ गलत नहीं कहा, गलती यदि सरकार की है, तो उस पर उंगली उठानी चाहिये, लेकिन आज देश की परिस्थिती में सारा दोष सरकार का नहीं हो सकता, दोष उनका भी है जिन्होंने कोरोना को सीरियसली नहीं लिया, दोष उनका भी है, जो बिना मास्क लगाए आज भी घूम रहे है, दोष उनका भी है जो केवल सरकार को दोष देते बैठे, लेकिन खुद उठ कर किसी एक व्यक्ति की भी मदत नहीं की | ये वक्त सरकार पर या एकदूसरे पर दोषारोपण करने का नहीं है, बल्कि साथ मिलकर परिस्थिती से लढने का और जीतने का है | अत: एक दूसरे को, सेलिब्रिटीज को, सरकार को ट्रोल करने की बजाए, अपने अपने हिस्से की जिम्मेदारी लेते हैं, और जल्द से जल्द देश को इस परिस्थिती से बाहर निकालने की कोशिश करते हैं, फिर हमारा हिस्सा चाहे गिलहरी का ही क्यों ना हो (जिन्हें रामायण पता है, समझ जाएँगे) | मिलकर देश की मदत करें |