JL50…! ये क्या था भाई?

    16-Apr-2021
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क्या आपने सोनी लिव्ह पर नई वेबसीरीज JL50 देखी? अगर नहीं देखी तो ये पढ लें, और फिर तय कीजिए कि देखना है कि नहीं ? ये वेबसीरीज एक बहुत ही अलग वेबसीरीज है | इस वेबसीरीज में अभय देओल है, पंकज कपूर है, पियूष मिश्रा है, याने कि एक तगडी कास्ट है | स्टोरी “टाइम ट्रॅव्हल” के बारे में है | और इससे पहले कि आप कुछ समझ पाएँ, सीरी खत्म हो जाती है | आईये देखते हैं, क्या है इस कहानी में ?


JL 50_1  H x W:

तो इस कहानी में अभय देओल एक सीबीआय ऑफिसर हैं, और पश्चिम बंगाल में हुए एक विमान हादसे के संदर्भ में तहकिकात करने उन्हें बंगाल भेजा गया है | हाल ही में पता चला है कि एक विमान है जो हायजॅक हुआ है | अभय देओल और उनके साथी गौरांगो ये सोच कर बंगाल जाते हैं, कि यह वही विमान है, लेकिन वहाँ जाकर पता चलता है, कि जो विमान क्रॅश हुआ है, वो ३५ साल पहले कलकत्ता से उडा था |

अब यहाँ आकर बात अटकती है, कि आखिर माजरा क्या है ? और बस यहीं से इस फिल्म की असली कहानी चालू होती है | विमान का हायजॅकर पियूष मिश्रा है, और विमान की वैमानिक बीहू घोष, ये दोनों ही सर्व्हायवर्स हैं, जो कि आज भी 1984 में जी रहे हैं, अर्तात जो टाइम ट्रॅव्हल कर के 2019 में आए हैं | पूरी कहानी सिर्फ ४ एपिसोड्स में दिखाई गई है, और एपिसोड्स काफी इंटरेस्टिंग बनाए गए हैं |



लेकिन कहानी का अंत बहुत जल्द हो जाता है, और आप सोचते हैं… “भाई साहब क्या था ये?” अब मैंने ऐसा एक्सप्रेशन क्यों दिया, ये तो आपको इस वेबसीरीज को देखकर ही पता चलेगा | अभय देओल, पंकज कपूर और पियूष मिश्रा ने अदाकारी उम्दा की है | संवाद भी अच्छे लिखे गए हैं, लेकिन अंत बहुत ही विचित्र है | साथ ही पियूष मिश्रा और पंकज कपूर जैसे ऊंचे दर्जे के कलाकारों का अच्छे से उपयोग नहीं किया गया | पियूष मिश्रा क्वांटम फिजिक्स के सायंटिस्ट “प्रोफेसर मित्रा” के रोल में नजर आए हैं | और जैसे ही वे टाइम ट्रॅव्हल का फॉर्म्यूला ढूँढ निकालते हैं, वे चिल्लाने लगते हैं “आय ब्रोक द कोड”, ये बस “यूरेका यूरेका” का दूसरा रूप ही समझ लीजिये | 

कुल मिला कर स्टोरी और भी अधिक अच्छी हो सकती थी, लेकिन कहीं ना कहीं निर्देशक के प्रयत्न कम पड गए, या कॅरेक्टरायझेशन कम पड गया | एक बार देखने के लिये ये सीरीज अच्छी है, लेकिन इसका अंत आप पचा नहीं पाते | अपनी संतुष्टी के लिये ये वेबसीरीज एक बार जरूर देखें |