देश के प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित जसराज का अमेरिका के न्यूजर्सी में निधन हो गया | वे ९० साल के थे | भारत में शास्त्रीय गायन की जब बात होती है तो वह पंडित जसराज जी के योगदान के बिना पूरी हो ही नहीं सकती | पंडित जसराज ने अपनी गायिकी की शिक्षा १४ वर्ष की आयु से प्रारंभ कर दी थी | उन्हें संगीत की प्राथमिक शिक्षा उनके पिता मोतीराम ने दी थी | २२ वर्ष की आयु में उनका पहला कार्यक्रम हुआ था | आज वे हमारे बीच नहीं रहे, इससे संगीत क्षेत्र के एक युग का अंत हुआ है | उनके जाने से देश में शोक की लहर है | संगीत क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान के लिये उन्हें पद्मविभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है |
पंडित जसराज शास्त्रीय संगीत के मेवाती घराने से हैं | उनका विवाह प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक व्ही.शांताराम की पुत्री मधुरा शांताराम से हुआ था | उनके परिवार में दो पुत्र एवं एक पुत्री हैं | पंडित जसराज शास्त्रीय गायिकी के ‘खयाल गायन’ के लिये विशेष रूप से जाने जाते हैं |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट करते हुए पंडित जसराज के प्रति अपनी भावनाएँ व्यक्त की हैं, वे कहते हैं, "पंडित जसराज के जाने से कला क्षेत्र में एक खालीपन आ गया है, वे ना केवल एक उत्कृष्ट गायक थे वरन वे एक बहुत अच्छे मार्गदर्शक भी थे, जिन्होंने कई गायकों को भारतीय शास्त्रीय गायन की शिक्षा दी, मेरी संवेदनाएँ उनके परिवार के प्रति हैं, ओम शांति |" इसके अलावा कई कलाकारों नें अपने सोशल मीडिया के माध्यम से पंडित जसराज के जाने पर शोक व्यक्त किया है, और अपनी भावनाएँ भी व्यक्त की हैं | २०२० का साल कला क्षेत्र के लिये बहुत की क्लेशकारक रहा है |