और फिल्मी सीन की तरह हुआ विलन का अंत, एनकाउंटर में ‘विकास दुबे’ मारा गया…

    10-Jul-2020
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पिछले कई दिनों से टीव्ही चॅनल्स पर केवल एक ही नाम की चर्चा थी, ‘विकास दुबे’ | कानपुर के चौबेपुर में हुए पुलिस हत्याकांड का कर्ताधर्ता विकास दुबे आखिर कार कर मध्यप्रदेश के उज्जैन के महांकाल मंदिर में पकडा गया था, तभी से आगे क्या होने वाला है, इसकी चर्चा की जा रही थी, और जैसा की कई लोगों ने अनुमान लगाया था, आज सुब सुब विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया | कानपुर के पास ही विकास दुबे जिस गाडी में बैठा था उसके साथ हादसा हो गया, और पुलिस के मुताबिक यहीं पर विकास दुबे ने पिस्तौल छीन कर भागने की कोशिश की, जबाबी मुठभेड में वो मारा गया | उसे कानपुर के अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया |


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अब यहाँ पर गौर करने वाली बात यह है, कि जब इतने खूंखार हत्यारे को ले जाया जा रहा था, तो क्या सुरक्षा के इंतेजाम नहीं रखे ? ८ पुलिस वालों को मारने वाले को जब पुलिस पकडती है, तो वह पुलिस की पिस्तौल छीन कैसे सकता है ? मीडियाकर्मी भी इस गाडी के साथ साथ चल रहे थे, लेकिन नाके पर उन्हें रोक लिया गया, और कुछ समय बाद खबर आई कि, एनकाउंटर हो गया है | इस तरह के कई सवाल उठाए जा रहे हैं | यह एनकाउंटर फेक तो नहीं है ? ऐसा भी प्रश्न इंटरनेट पर उपस्थित किया जा रहा है | जो भी हो, जिन ८ पुलिसकर्मियों, अफसरों कीइस विकास दुबे ने हत्या की उसका बदला आज ले लिया गया है, यह भी अपने आप में एक बडी बात है |







यह एनकाउंटर होने के कुछ समय बाद ही इंटरनेट पर #VikasDubeyEncounter और #FakeEncounter ये दो ट्रेंड्स, ट्रेंड कर रहे हैं | और कई नेटीझन्स तरह तरह के मीम्स भी शेअर कर रहे हैं | जब पुलिस इस बारे में प्रेस वार्ता लेकर सारी कहानी बताएगी सभी सारी चीजे स्पष्ट हो सकेंगी |

कानपुर में ८ पुलिस कर्मियों की हत्या करने के बाद मास्टर माइंड गैंगस्टर विकास दुबे फरार था | जिसे आखिरकार कल उज्जैन में महांकाल के मंदिर में पकडा गया | ‘मैं विकास दुबे हूँ कानपुरवाला !!” ऐसा कहकर इस खूंखार अपराधी ने हल्ला मचाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस उसे दबोंच के ले गई | ये पूरी कहानी किसी बॉलिवुड फिल्म से कम नहीं है |



२ जुलाई की रात को कानपुर के चौबेपुर क्षेत्र में इस अपराधी को पकडने पँहुची पुलिस पर विकास दुबे ने हमला कर दिया और ८ पुलिस कर्मियों को मार गिराया | गिरफ्तार करने के बाद की गई पूछताछ में उसने कबूल किया है कि उसे एनकाउंटर होने का डर था | इसके बाद वह फरार हो गया | इस विषय में कई प्रश्न उठाए गए | सिस्टम से कोई मदत मिले बिना वह इस तरह से फरार रह कर करीब एक हफ्ता कैसे रह सकता है, यह सवाल भी उपस्थित हुआ | जिस तरह फिल्मों में डॉन की तलाश ११ मुल्कों की पुलिस कर रही थी, उसी तरह विकास दुबे की तलाश कई राज्यों की पुलिस कर रही थी | आखिरकार आज यह खूंखार अपराधी एनकाउंटर में मारा गया |