सेलिब्रिटीज ने अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट की ‘ब्लॅक स्क्रीन’

    02-Jun-2020
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पालघर के वक्त नहीं आई याद?


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पूरी दुनिया भर में अमेरिका में हुए नस्लवाद पर निंदा की जा रही है | भारत में भी कई सेलिब्रिटीज इसकी निंदा कर रहे हैं | आज पूरे इंस्टाग्राम पर अधिकतर लोगों ने अपनी पोस्ट नें ब्लॅक स्क्रीन पोस्ट की है | और इसी के साथ #Blacklivesmatter और #Blackouttuesday ये हॅशटॅग भी डालs है | जो हुआ वो गलत ही हुआ है | और उस की निंदा की ही जानी चाहिये | लेकिन इनमें कुछ सेलिब्रिटीज ऐसे भी हैं जो भारत में हुए हिंसाचार पर तो चुप रहते हैं, और दुनिया के ट्रेंड को मॅच करने के लिये इस प्रकार की पोस्ट करते हैं | कुछ दिनों पहले ही जब भारत में मुंबई के पालघर में दो साधुओं की मॉब लिंचींग कर हत्या कर दी गई थी, तब ऐसे बहुत ही कम सेलिब्रिटीज थे जिन्होंने अपने सोशल मीडिया के माध्यम से इस पर बार रखी हो | अमेरिका में जो हुआ वो गलत है ही और उसकी निंदा होनी भी चाहिये, लेकिन यहाँ प्रश्न ये उठता है कि जब ऐसी घटना भारत में दो साधुओं के साथ हुई तो उस पर सेलिब्रिटीज की चुप्पी क्यों बनी रही ? यहाँ पर #EverylifeMatter क्यों नहीं लिखा गया ?





अमेरिका में नस्लवाद बहुत पुराना है, सालों से अमेरिका में अश्वेत नागरिकों के साथ बहुत ही घृणास्पद व्यवहार किया जाता है | ये अपने आप में एक घिनौनी सोच को दिखाता है | अमेरिका की तरह भारत में नस्लवाद का मुद्दा इतना बडा ना भी हो लेकिन धर्म और जात के नाम पर भेदभाव आज भी है | आज भी कई सेलिब्रिटीज अपने सोशल मीडिया पर ऐसे विषय में पोस्ट तभी करते हैं जब पीडित व्यक्ति किसी धर्म विशेष से जुडी हो | क्या ये इस समस्या का अहम हिस्सा नहीं है ?

समस्या सोच में है | अमेरिका में जो हुआ घिनौना है, गलत है, भयानक है | लेकिन पालघर में जो हुआ वो भी उतना ही घिनौना है, उतना ही गलत है और उतना ही भयानक है | वहाँ पीडित नस्लवाद का शिकार था, यहाँ पीडित साधू धर्मवाद का शिकार हुए | भगवे वस्त्र थे इसीलिये पीट पीट कर मारे गए | वहाँ दोष काले रंग का बताया गया और यहाँ भगवे | फिर सेलेब्रिटीज की तरफ से अमेरिका में हुई घटना के लिये एक नियम और भारत में घटी घटना के लिये एक नियम क्यों लगाया गया ये प्रश्न उपस्थित होना लाजमी है |

अमेरिका में जॉर्ज फ्लोइड के साथ जो हुआ उसने एक अमेरिका के एक वर्ग की घिनौनी सोच का दर्शन कराया और पालघर में जो हुआ उसने भारत के वर्ग की | हुआ जो भी हो.. निंदनीय दोनों ही घटनाएँ हैं, और हम दोनों की निंदा करते हैं |