मुश्किलें हैं कि थमने का नाम ही नहीं ले रही.. विशाखापट्टनम में गॅस लीक.. हजारों की जान खतरे में..

    07-May-2020
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हमारा देश पिछले कई दिनों से या यूँ कह लीजिए महीनों से केवल संकटों का सामना कर रहा है | वो कहते हैं ना जब एक बार परेशानियाँ आना चालू होती हैं, तो वो थमती ही नहीं | ऐसा की कुछ हो गया है | कोरोना, आतंकवादियों का संकट इसके बीच अप वायझॅग अर्थात विशाखापट्टनम में गॅस लीक होने की खबर सामने आई है | आज सुबह करीब ६ बजे विशाखापट्टनम के एक केमिकल प्लांट से गॅस रिसने की खबर आई और हडकंप मच गया, गाँव के गाँव खाली करवाने पडे. लगभग १ हजार लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया जिनमें से ५ की मौत हो गई और २० लोग गंभीर हैं |


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विशाखापट्टनम के किंग जॉर्ज अस्पताल में कम से कम 246 लोगों का इलाज चल रहा है और उनमें से 20 वेंटिलेटर पर हैं। प्रभावित गांव से भागने के दौरान दो लोग एक बोरवेल में गिर पड़े जिससे उनकी मौत हो गई। उनके शवों को बाद में निकाल लिया गया है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शहा और राष्ट्रपती रामनाथ कोविंद ने इस विषय में दु:ख जताया है, साथ ही गृहमंत्रालय इस घटना पर नजर रखे हुए है, यह विश्वास भी दिलाया गया है | 



कंपनी पर होगी आपराधिक कार्रवाई :

आंध्र प्रदेश के मंत्री एमजी रेड्डी ने बताया कि फैक्टरी में गैस रिसाव की सूचना के बाद लॉकडाउन की प्रक्रिया तुरंत शुरू की गई। स्थानीय प्रशासन को तुरंत सूचित किया गया। गैस को तुरंत हानिरहित तरल रूप में बेअसर किया गया। लेकिन थोड़ी गैस, फैक्टरी परिसर से बाहर निकलकर आस-पास के इलाकों में पहुंच गई, जिससे लोग प्रभावित हो गए। उन्होंने बताया कि कंपनी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाएगी।


प्लास्टिक फैक्टरी को चालू करने की तैयारी के बीच हुआ गैस रिसाव: एनडीआरएफ

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) प्रमुख ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान विशाखापट्टनम में बंद पड़ी प्लास्टिक की एक फैक्टरी में काम-काज पुन: शुरू करने की तैयारी हो रही थी कि इसी दौरान गैस रिसाव की घटना हुई। एनडीआरएफ महानिदेशक एस एन प्रधान ने बताया कि यह स्टाइरीन गैस है जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र, गले, त्वचा, आंखों और शरीर के कुछ अन्य अंगों को प्रभावित करती है।