राम प्रसाद की तेरहवीं… नहीं देखी तो क्या देखा ?

क्या आपने देखी?

    24-Jan-2022   
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आपने कई सारी फिल्में या फिर सीरीज नेटफ्लिक्स पर देखी होंगी, पर यदि आप सोच रहे होंगे कि इस वीकएंड नेटफ्लिक्स पर क्या देखें ? वो भी अपने परिवार के साथ तो मेरे पास ऐसा कुछ है, जो आपको बहुत अच्छा लगेगा | तो करें शुरु?


ram prasad ki terahvi


हाँ, मैं राम प्रसाद की तेरहवीं की बात कर रही हूँ | यदि आप यह फिल्म देख चुके हैं, तो आप समझ गए होंगे कि मैं ये क्यों लिख रही हूँ | और यदि आपने अभी तक यह फिल्म नहीं देखी है, तो आपने क्या देखा ? एक बहुत ही उम्दा, मजाकिया लहजे में काफी कुछ कह जाने वाली फिल्म है राम प्रसाद की तेरहवीं | आपने अपने बचपन में स्कूल में शरद जोशी के व्यंग पढे होंगें जो मजाकिया लहजे में कई बार मर्मपूर्ण बात कर जाते हैं, या और गहरा घाव कर जाते हैं | यह फिल्म भी कुछ इसी तरह है | सीमा पाहवा जिन्हें सब ‘बडकी’ के नाम से जानते हैं, उनका लेखन प्रभावशाली है, और सभी मंझे हुए कलाकार होने के कारण सभी की अदाकारी बहुत ही स्वाभाविक है, नॅचुरल है |

तो बात करते हैं कहानी की | कहानी है भार्गव परिवार की, जिसके मुखिया हैं राम प्रसाद भार्गव | जो अपनी पत्नी के साथ अपने पुरानेसे घर में रहते हैं | और एक रात उनकी मौत हो जाती है | उनके निधन के पश्चात उनके ६ बच्चे घर आते हैं | जिनमें उनके ४ बेटे हैं, और २ बेटियाँ | सब मिलते हैं, रोना धोना तो होता ही है, साथ में गडे मुर्दे भी उखडते हैं | बहुओं की आपस की नोंक झोंक, ताने कहासुनी, भाइयों के अपने जिंदगी में चल रहे पचडे, इन सबके बच्चों की चल रही अलग कहानियाँ, छोटे बेटे और बहू की अलग ही भसड ,सब कुछ किसी पुराने टिपिकल भारतीय परिवार में चल रहा हो ऐसा लगता है | मानों आपके पडोस की ही कहानी हो |

कहने का मतलब यह है, कि इन सभी का बाप मरा है, लेकिन इन्हें इस बात का ना गम है, ना कोई जिम्मेदारी का अनुभव | कहानी के संवाद कहीं कहीं आपके दिल छू जाते हैं | इन ६ बच्चों की माँ के किरदार में है सुप्रिया पाठक और पिता के किरदार में याने की राम प्रसाद के किरदार में है नसीरुद्दीन शाह | नसीर भाई का किरदार है छोटा लेकिन बहुत ही तगडा है |

आपको इस फिल्म में ऋषिकेश मुखर्जी या वासु चॅटर्जी के फिल्मों की झलक मिलेगी | इस फिल्म में मुख्य कलाकारों में कोंकणा सेन शर्मा, मनोज पाहवा, विक्रांत मैसी, विनीत कुमार, सादिया सिद्दीकी, बृजेंद्र काला, महेश शर्मा, राजेंद्र गुप्‍ता, दिव्या जगदाले आदि नजर आए हैं | एक से एक कलाकार और उम्दा लिखी कहानी आपका मन मोह लेगी | और वर्तमान में माँ बाप को बच्चों के व्यवहार से कितनी प्रताडना मिलती है यह भी देखने को मिलेगा |

क्या अच्छा है ?

आप अपने परिवार के साथ बैठ कर यह फिल्म देख सकते हैं | कहानी फास्ट है अर्थात आपको कहीं भी खालीपन नहीं लगेगा या आप बोअर नहीं होंगे | कलाकारों का अभिनय बहुत ही संजीदा है, बहुत ही स्वाभाविक है | आपको बहुत नॅचुरल लगेगा | और आप बहुत अच्छा अनुभव लेकर इस फिल्म से बाहर आएँगे |

इस फिल्म को ४ स्टार दिये जा सकते हैं | सीमा पाहवा ने निर्देशक के तौर पर बहुत ही उम्दा काम किया है |

जरूर देखिये और हमें भी बताईये आपको यह फिल्म कैसी लगी ? 

- निहारिका पोल सर्वटे