सक्षम समाज बनाने में शिक्षकों का योगदान सराहना पात्र

शिक्षा किसी भी समाज के विकास और प्रगति का आधार होती है

    05-Sep-2021   
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शिक्षा किसी भी समाज के विकास और प्रगति का आधार होती है। यह मानव विकास की आधारशिला है । शिक्षा केवल विविध विषयों से संबंधित ज्ञान को ग्रहण करने के लिये नहीं है, बल्कि कौशल्य विकास के लिये भी आवश्यक हैं, जो हमारे जीवन में बहुत मायने रखते हैं । बच्चों के जीवन में शिक्षा के महत्व से समझौता नहीं किया जा सकता, खासकर उनके जीवन के प्रारंभिक वर्षों में । क्योंकि शिक्षा में इस प्रभावशाली उम्र में जीवन को बदलने की ताकद होती है । आवश्यकता है, तो केवल उस बदलाव की मांग की, उस शक्ति की मांग की । आज हमारे सामने चुनौती केवल बच्चों तक अच्छी शिक्षा पँहुचाना नहीं है, बल्कि आगे की सफलता और प्रगति को सुनिश्चित करना भी है । ऐसा करने के लिये प्रदान की जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता के अच्छे होने के साथ ही शिक्षकों का अच्छा होना बहुत आवश्यक हैं, क्यों कि अच्छी शिक्षा प्रदान करने का वे माध्यम हैं ।
 
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 शिक्षकों के पास इस समाज को सर्वोत्तम तरीके से आकार देने की और भावी सकारात्मक पिढीयों का निर्माण करने की क्षमता होती है । वे जिन बच्चों को पढाते हैं, उन पर उनका प्रभाव होता है । इसलिये वे उचित शिक्षा के माध्यम से जीवन बदल सकते हैं । ना सिर्फ इन विद्यार्थियों का बल्कि हम सभी का, पूरे समाज का, देश का भविष्य बदल सकते हैं । इस समाज में विद्यार्थियों का जीवन गढने के लिये शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है, और इसलिये उनके महान योगदान की पुष्टि करना और, प्रशंसा करना बहुत ही आवश्यक है। और शिक्षकों के महान योगदान की सराहना करने के लिये आज से बेहतर दिन कौन सा हो सकता है? आज भारत के दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिवस के अवसर पर विज्ञान भारती, समाज की भावी पिढी के उज्ज्वल भविष्य को गढने वाले, अपने सभी “शिक्षा शिल्पीयों” को नमन करता है ।
 
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भारत में गुरु शिष्य परंपरा का बहुत महत्व और गुरु और शिष्य का नाता बहुत पवित्र माना जाता है । जहाँ गुरु अपने शिष्य की प्रगति के लिये हर औपचारिकता को पार कर देते हैं । आज के समय में प्राचीन गुरुकुल परंपरा संभव नहीं है, लेकिन गुरु का मार्गदर्शन हर शिष्य के लिये पथप्रदर्शक होता है, और शिष्य का मनोबल बढाता है ।

विज्ञान प्रसार और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के सहयोग से विज्ञान भारती (विभा) हर साल स्कूल जाने वाले छात्रों के लिए एक परीक्षा आयोजित करता है ताकि उनके भीतर वैज्ञानिक सोच पैदा हो सके। यह राष्ट्रीय स्तर की प्रतिभा परीक्षा - विद्यार्थी विज्ञान मंथन (वीवीएम) इस वर्ष 30 नवंबर 2021 और 5 दिसंबर 2021 को आयोजित की जाएगी। विज्ञान भारती ने अपने शिक्षा शिल्पकारों , शिक्षा शिल्पियों अर्थात शिक्षकों के समूह की मदद से अपने मिशन के प्रसार और सफलता की परिकल्पना की है।
  
शिक्षक अपने स्वभाव के अनुसार ही बच्चों के लिये आदर्श होते हैं, वे विद्यार्थियों के रोल मॉडल होते हैं । वे केवल उन्हें शिक्षा ही नहीं देते तो किसी भी विषय में रुचि लेने के लिये प्रोत्साहित करते हैं, उनका मनोबल बढाते हैं । जिस तरह से शिक्षक अपने विद्यार्थियों से बात करते हैं, कठिन संकल्पना को आसान कर अपने विद्यार्थियों को समझाते हैं, वह विद्यार्थियों के मन में हमेशा के लिये बस जाता है । जो विश्वास विद्यार्थियों का अपने गुरु के प्रति होता है, वह ही विद्यार्थियों के विकास का सबसे बडा कारण है ।

विद्यान भारती अपनी शिक्षकों की सेना से निवेदन कर रहा है कि, वे अपने विद्यार्थियों को इस परीक्षा में सहभागी होने के लिये प्रेरित करें । केवल समर्पित शिक्षक ही इन विद्यार्थियों को उनके कंफर्ट झोन से बाहर निकाल सकते हैं, और जो लक्ष्य इन विद्यार्थियों ने अपने लिये रखे हैं, उसे हासिल करने में वे विद्यार्थियों की मदत कर सकते हैं । केवल शिक्षक ही उन्हें उस ज्ञान को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं जो निर्धारित पाठ्यक्रम से परे है लेकिन जो उनके भविष्य के साथ-साथ उनके व्यक्तिगत जीवन में भी अमूल्य है।

इस शिक्षक दिवस के अवसर पर विज्ञान भारती उन सभी शिक्षकों को आग्रह करती है, जो सदैव ज्ञान की खोज में लगे रहते हैं, कि वे विद्यार्थियों को स्वयं की खोज करने में मदत करें. इस प्रतियोगिता में सहभागी होने के लिये रजिस्ट्रेशन की संपूर्ण जानकारी www.vvm.org.in इस वेबसाइट पर उपलब्ध है । साथ ही विज्ञान भारती सभी विज्ञान शिक्षकों से निवेदन करता है कि, इस कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें, और शिक्षा शिल्पी समूह का हिस्सा बनें । जिससे वे विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच का विकास करने में सक्षम हो सकेंगे ।