नींबू नहीं बिके तो क्या हुआ, अचार बेच कर लाखों कमाए जा सकते हैं...!

    23-Aug-2021   
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अंग्रेजी में एक कहावत है, If life throws lemons at you, make a lemonade. .याने की जिंदगी अगर आपको खट्टे नींबू दे, तो उसका शरबत बनाएँ, अर्थात, यदि आप जिंदगी में कभी भी संकटों का सामना करें, तो उन संकटों से घबराएं नहीं, बल्कि उसी संकट को मौके में परिवर्तित करें, और सफलता हासिल करें. ऐसा ही कुछ किया दिल्ली के इस जैविक किसान ने. दिल्ली के कुलदीप सिंह को जीवन ने सचमुच नींबू दिये. लॉकडाउन के कारण उनकी बाग के नींबू बिक नहीं पाए. इतने सारे नींबू पडे पडे सड जाते. क्या किया जाए ये एक बहुत बडा प्रश्न कुलदीप जी के सामने था. आखिरकार उन्हें एक तरकीब सूझी, उन्होंने इसी नींबू का अचार बनाया और बेचा. नींबू बेच कर वे जितना नहीं कमा सकते थे, उतना उन्होंने नींबू का अचार बेच कर कमाया. उन्होंने साबित किया कि इंसान अगर चाहे तो क्या नहीं कर सकता.


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दिल्ली के जौंती गांव में रहने वाले 57 वर्षीय कुलदीप सिंह एक जैविक किसान हैं. पिछले दस सालों से वह रसायनमुक्त खेती कर रहे हैं. गेहूं, चना, सरसों की खेती के साथ-साथ वह नींबू की भी खेती बड़े स्तर पर कर रहे हैं.

 

कुलदीप ने लगभग चार साल पहले एक एकड़ जमीन पर नींबू का बाग लगाया. पिछले साल जब बाग से अच्छा उत्पादन मिलने लगा तो लॉकडाउन लग गया. ऐसे में, उनकी नींबू की बिक्री पर बहुत ज्यादा असर पड़ा. वह घर में भी नींबू को ज्यादा दिन तक स्टोर नहीं कर सकते थे. लेकिन कहते हैं न कि जहां चाह, वहां राह.

इसलिए इस प्रगतिशील किसान ने मायूस होने की बजाय कुछ ऐसा किया कि न तो उनके नींबू खराब हुए और न ही उन्हें नुकसान उठाना पड़ा. बल्कि लॉकडाउन और कोरोना महामारी के बीच भी उन्हें अपने नींबू के बाग़ से डेढ़ लाख रुपए की बचत हुई. आने वाले समय में उन्हें उम्मीद है कि उनका यह मुनाफा और ज्यादा बढ़ेगा.


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कुलदीप ने एक प्रसिद्ध वेबसाइट को दिए इंटरव्ह्यू में कहा कि, 2017 में उन्होंने एक एकड जमीन में 400 नींबू के पेड लगाए, कुछ ही समय में इन पेडों ने फल देने शुरु किये. नींबू से काफी अच्छा मुनाफा कुलदीप को मिलने लगा. लेकिन अचानक आई इस महामारी ने कई चीजे ठप्प कर दी. ऐसे में इतने बडे पैमाने पर नींबू को स्टोअर कैसे किया जाए. तब कुलदीप ने यूट्यूब पर कई व्हिडियोज देखे जिससे उनको ये कल्पना आई कि वे अचार बना कर बेच सकते हैं, जिससे नींबू फिकेंगे भी नहीं, और उन्हें मुनाफा भी हो सकता है.

कुलदीप सिंह ने लगभग चार क्विंटल अचार और जैम तैयार किया था। जिसमें से तीन क्विंटल से ज्यादा अचार वह बेच चुके हैं और उन्हें अब तक डेढ़ लाख रुपए का फायदा हुआ है। उनका अचार सिर्फ दिल्ली एनसीआर ही नहीं बल्कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश के भी कई शहरों के साथ मुंबई तक भी पहुंचा है। उनके एक ग्राहक ने अमेरिका में रह रहे अपने रिश्तेदारों को भी अचार और जैम उपलब्ध करवाया है।

यूट्यूब पर मध्यप्रदेश के एक किसान का व्हिडियो देख आई इस कल्पना ने कुलदीप को एक किसान के किसान उद्योजक बना दिया. कुलदीप देश के सभी किसानों के लिये एक प्रेरणा हैं. किसानों की बढती आत्महत्याओं को रोकने के लिये कुलदीप जैसे किसानों की देश को अधिक आवश्यकता है.