किसान आंदोलन का समर्थन कर रही ग्रेटा और रिहाना के खिलाफ प्रदर्शन

    05-Feb-2021
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किसान आंदोलन हर दिन एक नया मोड ले रहा है | २६ जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा, और लाल किले पर हुए तिरंगे के अपमान के बाद, किसानों के भेस में आए इन कुछ गुंडो के खिलाफ सारा भारत एकजुट हो गया है | हाल ही में इस विषय के कई पहलू सामने आए हैं, जिसमें ग्रेटा थनबर्ग और रिहाना के ट्वीट्स के, किस तरह इस आंदोलन को एक अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बनाकर, जागतिक पटल पर भारत को बदनाम करने का षडयंत्र रचा गया है यह सामने आया है, इसीलिये दिल्ली में ग्रेटा और रिहाना के खिलाफ प्रदर्शन किये गए हैं, और उनके पुतले जलाकर जनता ने अपना गुस्सा प्रदर्शित किया है |



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ग्रेटा और रिहाना के ट्वीट्स के बाद इस पूरी घटना को एक प्रपोगंडा के तौर पर देखा जा रहा है | युनायटेड हिंदू फ्रंट ने ग्रेटा और रिहाना के पोस्टर्स जला कर अपना गुस्सा दर्शाया है, तो अनेक लोगों ने ट्विटर और फेसबुक के माध्यम से इनके खिलाफ आवाज उठाई है | दिल्ली पुलिस ने साफ किया है कि वे उन लोगों की खोज करेगी जिन्होंने ग्रेटा और रिहाना को एक टूलकिट के तौर पर उपयोग किया है, इस पूरे आंदोलन का रुख बदलने के लिये |

किसानों का आंदोलन कई मांगों को लेकर था, जो सचमुच में कृषि बिल को लेकर अस्वस्थ थे, उन्हें सुनने के लिये सरकार तैयार थी, और बातचीत करने के प्रस्ताव सरकार ने कई बार दिये, लेकिन किसानों के कंधे पर बंदूक रखते हुए कुछ लोग अपना उल्लू सीधा करने की फिराक में हैं, और जिन्होंने २६ जनवरी की हिंसा से यह स्पष्ट कर दिया कि उन्हें किसानों की मांगों से कुछ लेना देना नहीं है, बल्कि सरकार के खिलाफ इस देश में अराजकता फैलानी है | ग्रेटा और रिहाना के ट्वीट्स ने इस थियरी पर मुहर लगा दी | इस आंदोलन के पीछे का अजेंडा, फंडिंग और इसे प्रपोगंडा का रूप देने का काम किसने किया है, इसकी अवश्य खोज की जाएगी | इस पूरी परिस्थिती में देश के सच्चे किसान के साथ आज भी जनता खडी है, और हमेशा खडी रहेगी, ऐसा विश्वास देशवासियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से दर्शाया है, अब यह देखना आवश्यक है, कि आगे क्या होता है ?