आपने अक्सर ही बडे बडे अस्पतालों की लूटमारी की कहानी सुनी होगी | कई अस्पतालों में मृत पेशंट्स को भर्ती कर के उनके फर्जी इलाज का बिल वसूलने की कहानी सुनी होगी, यहाँ तक कि, पैसे के अभाव में इलाज ना करने वाले डॉक्टरों की भी कहानी सुनी होगी, लेकिन आज हम आपको अहमदाबाद के एक ऐसे डॉक्टर्स की कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिन्होंने डॉक्टरी के साथ साथ इंसानियत का भी फर्ज निभाया और बचाई एक नन्हे बच्चे की जान |
अहमदाबाद के भोलू कोरी और दुर्गा इस दंपति के घर २ मार्च को एच नन्हे बच्चे का जन्म हुआ | जन्म से ही इस बच्चे का वजन बहुत कम था और उसाक बचना भी बहुत मुश्किल था | उसे बहुत ही ज्यादा क्रिटिकल इलाज की आवश्यकता थी, जो कि बहुत महंगा था | जिसके लिये इस बच्चे को कई महीने अस्पताल में भर्ती रखना आवश्यक था | भोलू कोरी पेशे से माली है, और इससे पहले उसके तीन बच्चों का गर्भपात हो चुका था, इसलिये भोलू और दुर्गा किसी भी हालत में इस बच्चे को बचाना चाहते थे | ऐसे में भगवान बन कर उनकी मदद के लिये दौडे आए अस्पताल के डॉक्टर्स |
उन्होंने ‘अर्जुन मेडिकल फंडरेजिंग’ नामक एक फेसबुक पेज खोला और इस बच्चे के लिये फंड रेज करना चालू किया | देखते ही देखते करीब १५८ लोगों ने पैसे डोनेट किये | इलाज का पूरा खर्चा १४ लाख रुपये था, जिसमें से 8.75 लाख रुपये क्राउडफंडिंग के जरिये इकट्ठा किया गए, और बचे हुए पैसे भोलू, उसका परिवार और डॉक्टर्स ने मिल कर इकट्ठा किये | अर्जुन के जन्म के वक्त उसका वजन केवल ६०० ग्राम था जो डिस्चार्ज के वक्त करीब १.७ किलो था |
आखिरकार १४ जुलाई को करीब साढे ४ महीने के बाद उस नन्हे बच्चे ‘अर्जुन’ को अस्पताल से घर भेजा गया | कोरोना के समय में जहाँ हर ओर से केवल नकारात्मक खबरें आ रहीं है, ऐसे में ये सकारात्मक खबर आपको अवश्य ही आनंदित कर देगी |