Special Ops: A Must watch web series

    08-Jun-2020   
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नेटफ्लिक्स और एमेझॉन प्राइम पर आप अब तक बहुत कुछ देख चुके होंगे| आप में से कई लोगों को बार्ड ऑफ ब्लड और फॅमिली मॅन जैसी सीरीज बहुत पसंद भी आई होंगी | तो ऐसे लोगों के लिये ये हॉटस्टार की ये वेब सीरीज A Must Watch वेब सीरीज है | यह कुछ सत्य घटनाओं पर आधारित और साथ में फिक्शन का एक अलग ही फ्लेवर लिये एक बहुत ही थ्रिलिंग वेब सीरीज है | आप यदि पाताल लोक जैसी वेब सीरीज देख कर इरिटेट हो गए होंगे, तो असली देशभक्ति दिखाने वाली, और असली जेहाद का चेहरा आपके सामने लाने वाली वेब सीरीज याने कि स्पेशल ऑप्स |


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कहानी की शुरुआत होती है, सन २००१ में संसद भवन पर हुए हमले से | और फिर उसके बाद हुए इन्वेस्टिगेशन से ये कहानी आगे बढती है | इस इन्वेस्टिगेशन में एक अहम व्यक्ति होता है, एक Raw ऑफिसर हिम्मत सिंह | कहानी का कुछ हिस्सा फ्लॅशबॅक में चलता है, और फिर हम आते हैं, वर्तमान में जहाँ पर हिम्मत सिंह की इन्क्वायरी हो रही होती है, क्यों कि वह सरकारी फंड का अधिक इस्तेमाल करता पाया जाता है | इस इन्क्वायरी के दरम्यान एक बात पता चलती है, कि २००१ के संसद भवन हमले की इन्वेस्टिगेशन की हिम्मत की थिअरी बाकियों से अलग है, जहाँ बाकी लोग कह रहे हैं, कि वहाँ केवल ५ आदमी थे, हिम्मत कहता है कि उस हमले में ५ नहीं ६ आदमी थे, जिसमें से ५ मारे गए लेकिन एक आज भी जिंदा है, और आजाद है | और उसके बाद देश में हुए सारे आतंकवादी हमलों में कहीं ना कहीं उसका हाथ है, और वो आदमी याने कि एक बहुत बडे आतंकवादी संगठन का सरगना “इखलाक खान” है |



इस थिअरी के बारे में प्रश्न पूछने पर कई और सवाल खडे होते हैं, जिसमें हिम्मत को देश के बाहर चल रहे कई ऑपरेशन्स की जानकारी देनी पडती है | किस तरह उसके एजंट बाहर काम कर रहे हैं, और किस तरह वो इस पैसे का उपयोग इन एजन्ट्स की मदत के लिये कर रहा है | और फिर धीरे धीरे इन एजेंट्स की कहानियाँ और अखलाक खान को पकडने के लिये चल रहे ऑपरेशन की जानकारी मिलती है | इनमें फारुख, बाला, रुहानी, जूही और अविनाश ये ५ एजेंट्स होते हैं, जो अलग अलग अरब देशों में आतंकवादी गतिविधियों का पता लगाने और उसे खत्म करने के लिये काम कर रहे होते हैं |



इखलाक खान को मारने के लिये मिशन चल रहा है | फारुख इखलाक खान के सबसे करीबी हाफिज तक जा पँहुचा है, फारुख को हाफिज के साथ मिलकर उसका भरोसा जीतने और इखलाक का पता लगाने के लिये काम करना ही होगा | और इतने में फारुख के हाथ लगती है एक बेहद ही महत्वपूर्ण जानकारी | भारत में जल्द ही कुछ होने वाला है, कुछ भयंकर और उसके पीछे इखलाक ही है, लेकिन उस तक पँहुचा कैसे जाए | समय कम है, और धक्के पर धक्के लग रहे हैं | और फिर…

इससे आगे जानने के लिये आपको ये सीरीज देखनी ही पडेगी | मैंने यहाँ जानबूझकर ऐसे तथ्य नहीं बताए हैं, जो इस सीरीज के थ्रिल को या सस्पेंस को कम या खत्म कर दे | बहुत ही रोमांचक मोड पर इस सीरीज का हर एक एपिसोड खत्म होता है | और इन ८ एपिसोड वाली इस सीरीज को बहुत ही उम्दा तरीके से प्रसिद्ध निर्देशक नीरज पांडे ने बनाया है |



(A Must watch scene from Special Ops Web Series, Stong language is there) 



आज भी हमारे देश में टुकडे टुकडे गैंग काम कर रही है | जो देश में रह कर ही देश को बाँट रही है | आज भी देश में मुस्लिम धर्म का नाम लेकर कुछ लोगों की आड में जानबूझकर हिंसा फैलाई जाती है | धर्म विशेष को बचाने के लिये दूसरे धर्म को बदनाम किया जाता है, ऐसे में ये वेबसीरीज उन सभी लोगों के मुँह पर एक करारा थप्पड है | इस वेबसीरीज का एक डायलॉग बहुत ही ज्यादा प्रवाभशाली है जब पकडा गया पाकिस्तानी गुनहगार कहता है "आप एक मुस्लिम एक मायनॉरिटी के साथ ऐसा नहीं कर सकते" तब हिम्मत उसे तगडा जवाद देता है, वह कहता है "हमारे यहाँ कि बेटियों को भगा कर लेकर जाता है, और अपने आप को मुसलमान कहता है......." 



इस फिल्म का एक डायलॉग जेहाद की संकल्पना और जानबूझ कर धर्म के नाम पर किस तरह से लोगों का ब्रेनव्हॉश किया है, ये बताता है, जब फारिहा अपनी आपा से कहती है, “आपा मर्दों को तो जेहाद के नाम पर जन्नत मिलती है, ७२ हूरें मिलती हैं, हम लडकियाँ यदि जेहाद करें तो हमें क्या मिलेगा?” ये एक डायलॉग जेहाद के मुँह पे मारा सन्नाटेदार थप्पड है |


अब बात करते हैं, अदाकारी की, तो पूरी वेबसीरीज में आप केवल एक व्यक्ति को ही देखते रहेंगे, और पूरी वेबसीरीज अपने नाम पर की है, हिंमत सिंह ने याने की के के मेनन ने | काफी दिनों के बाद केके को फिर एक बार पर्दे पर देखा गया है | और पूरी वेबसीरीज में उसकी अदाकारी का जवाब नहीं | उसके अलावा विनय पाठक, गौतमी गाडगीळ कपूर, परमीत सेठी, शरद केळकर और पाँचो एजेंट्स याने कि करन ठक्कर, सैयमी खेर, मेहेर विज, विपुल गुप्ता और मुझम्मिल इब्राहिम ने बहुत ही अच्छा काम किया है | हाफिज, इस्माइल, टॅक्सी, सोनिया सभी के किरदार आपके जहन में बस जाते हैं |

कहानी और स्क्रीनप्ले दोनों ही बहुत उम्दा हैं | एक बार ये सीरीज अवश्य देखें | इसे देखने से एक बात जरूर समझ आती है कि खुद मर मिट जाने के लिये देश की सेवा में लगे एजेंट्स और आतंकवादी दोनों ही तैय्यार होते हैं | फरक सिर्फ इतना होता है एक देश के लिये मर मिटते हैं और दूसरे जेहाद के लिये |

इस वेब सीरीज को मिलने चाहिये ५ में से ५ स्टार्स |

- निहारिका पोल सर्वटे