भारत के ऐसे तीन जंगल जहाँ आपको एक ना एक बार जाना ही चाहिये…

    26-Jun-2020   
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हमारा भारत देश सदैव प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण रहा है | भारत को प्रकृति ने सजाया है, सवाँरा है | यहाँ कि हरियाली देखते ही बनती है | चूँकि अभी हम सभी लॉकडाउन में हैं, और बाहर नहीं जा सकते इसलिये हम आज आपको भारत के ऐसे तीन प्रमुख जंगलों का व्हर्चुअल टूर करवाएँगे कि, लॉकडाउन खुलने के बाद आप वहाँ जाने से अपने आप को रोक नहीं सकेंगे |


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१. सतपुडा के घने जंगल : हिंदी के प्रसिद्ध कवि भवानीप्रसाद मिश्र ने अपनी कविता की पंक्तियों में इन जंगलों का क्या खूबसूरत वर्णन किया है, वे कहते हैं,



“सतपुडा के घने जंगल,
नींद में डूबे हुए से,
उँघते अनमने जंगल,”



उनकी यह कविता पढने लायक है, और इन जंगलों का वर्णन पढने के बाद भयानक जरावने लेकिन आकर्षक इन जंगलों में जाने का किसी का भी मन करेगा ही | तो कहाँ हैं ये जंगल और आप यहाँ तक पँहुच कैसे सकते हैं ? वर्तमान में ये मध्यप्रदेश में हैं और प्रसिद्ध अभ्यारण्य कान्हा, पेंच और बांधवगढ में भी आपको इन्हीं जंगलों की झलक देखने को मिलेगी | मध्यप्रदेश की सात पर्वतों की पर्वतमाला है सतपुडा, और उन्हीं में बसा हुआ यह जंगल हैं | सतपुडा की रानी ‘पचमढी’ को कहा जाता है, जो मध्यप्रदेश का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है | और यहाँ भी आपको इन जंगलों की झलक मिलेगी | सतपुडा के जंगल पूरे भारत में बाघों का सबसे बडा घर है | इन जंगलों का लुत्फ उठाने के लिये आप ऑक्टोबर से मार्च के बीच कान्हा, पेंच, बांधवगढ या पचमढी का कार्यक्रम बना सकते हैं | जंगलों का मजा अभयारण्य में ही आता है, इस लिये कान्हा या बांधवगढ सबसे अच्छा पर्याय होगा |


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२. गिर के जंगल : भारत में सिंह के दर्शन के लिये प्रसिद्ध जंगल याने कि गिर के जंगल | इन जंगलों में आपको सिंह के दर्शन होंगे | गुजरात के प्रसिद्ध “गिर अभ्यारण्य” जाकर आप इन जंगलों का लुत्फ उठा सकते हैं | इन जंगल की खास बात यह है कि ये एशिया में सिंहों का एकमात्र निवासस्थान है | गिर के जंगल को सन् १९६९ में वन्य जीव अभयारण्य घोषित किया गया और इसके छह वर्ष बाद इसका १४०.४ वर्ग किलोमीटर में विस्तार करके इसे राष्ट्रीय उद्यान के रूप में स्थापित कर दिया गया। यह अभ्‍यारण्‍य अब लगभग २५८.७१ वर्ग किलोमीटर तक विस्तृत हो चुका है। वन्य जीवों को संरक्षण प्रदान करने के कई प्रयासों के फलस्वरूप इस अभ्यारण्य में सिंहों की संख्या बढकर अब ३१२ हो गई है | जुनागढ, अमरेली और सोमनाथ में ये जंगल फैला हुआ है | ठंड में इन जंगलों की सैर करने का मजा ही कुछ और है |


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३. बांदीपुर का जंगल : भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित यह जंगल बहुत ही खूबसूरत है | यह जंगल जाना जाता है यहाँ के शेरों के लिये और उससे भी ज्यादा यहाँ के विशाल काय हाथियों के लिये | यह प्रोजेक्ट टाइगर के तहत सन् १९७३ में एक टाइगर रिज़र्व के रूप में स्थापित किया गया था। एक समय यह मैसूर राज्य के महाराजा की निजी आरक्षित शिकारगाह थी। बांदीपुर अपने वन्य जीवन के लिए प्रसिद्ध है और यहाँ कई प्रकार के बायोम हैं, लेकिन इनमें शुष्क पर्णपाती वन प्रमुख है। मैसूर शहर से यह मात्र ८० किलोमीटर दूर है | और बरसात में यह ‘रेन फॉरेस्ट’ में तब्दील हो जाता है | बरसात के समय यह जंगल काफी डरावना लग सकता है, लेकिन ठंड में इस जंगल का मजा अलग ही होता है |


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तो पढ कर और फोटोज देख कर आपका भी मन कर गया होगा ना ? इन जंगलों की सैर पर जाने का ? बस कुछ दिन की बात है | ये कोरोना का संकट टल जाए फिर कीजिए अपनी बॅग्स पॅक और प्रकृति को धन्यवाद बोलने हो आईने इनमें से किसी भी एक जंगल में |

- निहारिका पोल सर्वटे