#BoysLockerRoom घिनौनी मानसिकता का घिनौना प्रदर्शन

    05-May-2020   
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- निहारिका पोल सर्वटे 

कल से पूरे इंटरनेट पर केवल इसी हॅशटॅग की चर्चा हो रही है | तुरंत किसी Conclusion पर आने से पहले माजरा क्या है, पूरी तरह से पता होना जरूरी है, इसलिये इस हॅशटॅग को अच्छेसे फॉलो करने के बाद जो सत्य सामने आया वो डरा देने वाला था | दिल्ली के किसी स्कूल के १७-१८ साल के कुछ ल़डके स्नॅपचॅट और इन्स्टाग्राम पर उनके ग्रुप “Boys Locker Room” पर दोस्तों के साथ बलात्कार के बारे में चर्चा कर रहे हैं | केवल चर्चा ही नहीं कर रहे तो, बलात्कार करना कितना आसान है, हम आसानी से कर सकते हैं, ऐसी बातें भी कर रहे हैं | भारत में बढते बलात्कारों के पीछे ये मानसिकता है | इस ग्रुप का एक स्क्रीनशॉट व्हायरल होने के कारण इंटरनेट पर अफरातफरी मच गई और सारा माजरा खुल कर सामने आया | 


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ट्विटर, इंस्टाग्राम, फेसबुक सभी पर ये हॅशटॅग ट्रेंड कर रहा है | हमारा देश युवाओं का देश है, ऐसा कहा जाता है | लेकिन क्या यहाँ के युवाओं को केवल “शराब की दुकानें” और “Boys Locker Room” जैसी घिनौनी चीजों से ही लेना देना है | देश किस संकट का समना कर रहा है, आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था क्या और कैसी होगी? जॉब्स रहेंगे या नहीं, होंगे तो भी उसे पाने के लिये कितनी मेहनत करनी पडेगी? इससे किसी का कोई वास्ता है ही नहीं | उन्हें क्या करना है? “बलात्कार” | इसके अलावा इस ग्रुप पर कई अश्लील तस्वीरें भी साझा की गई हैं | उनमें से कई तस्वीरें नाबालिग लडकियों की तस्वीरों को फोटोशॉप करके केवल अपनी अश्लील भूख मिटाने के लिये साझा की गई हैं | आगे जो स्क्रीनशॉट्स शेअर किये जा रहे हैं, उनकी भाषा घिनौनी है, लेकिन उनकी क्या मानसिकता है, ये दिखाने के लिये ये स्क्रीनशॉट्स शेअर करना आवश्यक है |




ये लडके कौन हैं? तो इनकी शिनाख्त होना बाकी है अभी, कहाँ से हैं? तो पता चलता है कि साउथ दिल्ली से हैं | इनकी उम्र क्या है? १५ साल से १८ साल के बीच | क्या करते हैं? तो लॉकडाउन में लडकियों से उनकी कुछ फोटोज मंगवाते हैं, यहाँ गलती उन लडकियों की भी हैं, जो ऐसी फोटोज भेजती हैं | पहली बात यदि कोई आपको सचमुच पसंद करता है, तो वो आपसे ऐसी फोटोज नहीं मांगेगा, और यदि ऐसी फोटोज मांग रहा है तो वो आपको सचमुच पसंद नहीं करता | आपको खुद को फरक समझना होगा | लडकियों की गलती इतनी ही हैं कि उन्होंने फोटोज भेजी, लेकिन इससे लडकों का ‘जुर्म’ कम नहीं हो जाता | दिल्ली को “Rape Capital” नाम दिया गया है | और ऐसी सोच रखने वाले लोग, इसे सच साबित करते हैं | पूरे देश में महिलाओं पर होने वाले जुर्म ये अपने आप में एक गहन संकट की बात है | ऐसे में खुले आम सोशल मीडिया पर ‘रेप कल्चर’ को बढाना, गँग रेप की बात करना और इसे बहुत ही नॉर्मली लेना घिनौनेपन की हद्द है |  



दिल्ली महिला आयोग ने इस विषय में कठोर कदम उठाते हुए उन सारे अकाउंट्स पर तुरंत एक्शन लेने की मांग की है | सायबर क्राइम के अंतर्गत इसकी जाँच भी की जाएगी | जाँच होगी, लेकिन १५ से १८ साल के ‘बच्चों’ में ये मानसिकता आती कहाँ से है? We call them the future of our Nation. Are they really? हम सभी को जनरलाइझ नहीं कर सकते, लेकिन कहीं तो एक सेक्शन ऐसा भी है ना? जो ऐसी मानसिकता रखता है ? ‘सेक्स’ को लेकर इतना ज्यादा आकर्षण होना ? कि आप रेप पर उतर आएँ? सही गलत से भी परे है ये | 






इस सबके बाद इंटरनेट पर कुछ लडकियों की भी अश्लील बातों वाले चॅट्स प्रसिद्ध हो रहे हैं | ये भी उतना ही गलत है | हर जगह बराबरी करने की आवश्यकता किसी को नहीं है | रेप की मानसिकता रखने वाले गलत ही हैं | लडका को या लडकी | 

NCRB (National Crime Record Bureau) की जनवरी २०२० की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर १५ मिनिट में एक बलात्कार होता है | जिसमें से आधे से ज्यादा रिकॉर्ड भी नहीं कराए जाते, शर्म के मारे | और साउथ दिल्ली के ये कुछ लडके इन आँकडों को बढाना चाहते हैं | उनकी गंदी, घिनौनी मानसिकता पूरे इंटरनेट पर फैली हुई है | इसमें से एक लडके का नाम सिद्धार्थ बताया जा रहा है | पुलीस जाँच कर रही है |

इंटरनेट पर मची इस खलबली ने एक बात तो सिद्ध कर दी, हमारे देश में अधिकतर (क्यूँ कि सारे युवा एक जैसे नहीं है इसलिये अधिकतर) युवाओं को शराब की दुकान, और लडकियों की अश्लील फोटो से मतलब है | देश में सेना के जवान शहीद हो रहे हैं, कोरोना से अनेकों की मौतें हो रही हैं, कोरोना से लडने में हमारे कई युवा डॉक्टर्स, नर्सेस, बँकर्स अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं | लेकिन इससे किसी को क्या लेना देना, इन्हें खुशी मिलती है बस शराब और शबाब से… और ऐसी घिनौनी मानसिकता को समाज का एक हिस्सा कभी भी स्वीकर नहीं करेगा… आखरी दम तक नहीं करेगा !!!!!

- निहारिका पोल सर्वटे