Happy Bleeding.. इन ५ बातों का ध्यान रखें और बनाए रखिये Menstrual Hygiene

    28-May-2020
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आज World Menstrual Hygiene Day है | अर्थात महीने के उन चार दिनों में स्वच्छता को प्रमोट करने वाला दिन | महीने के उन चार दिनों में हर लडकी को, हर महिला को अनेक तकलीफों से गुजरना पडता है | पेट कमर में तेज दर्द, बहुत ज्यादा ब्लीडिंग, उसके कारण चलते ना बनना, पैर दुखना, स्टेन पडना और भी बहुत कुछ | ऐसे समय में हमारे लिये, अपने और अपने साथ साथ और भी ऐसी कई महिलाएँ हैं, जिन्हें शायद इस विषय में अधिक जानकारी नहीं हैं, उनका खयाल रखना और उन्हें जागरुक करना आवश्यक है | ये ब्लीडिंग हम लडकियों को मिला एक तोहफा है, तो We have to make sure कि ये Happy Bleeding हो |


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भारत में आज भी 7.4% लडकियाँ उनके पीरियड्स चालू होने के बाद स्कूल छोड देती हैं इसलिये इस बारे में लडकियों को जानकारी स्कूल के समय से ही मिलनी चाहिये | कई बार पीरियड्स के बारे में जानकारी तो होती है लेकिन उस वक्त जिस हाइजीन का ध्यान रखना चाहिये उसकी जानकारी नहीं होती, इसलिये इस बारे में पता होना बहुत ही आवश्यक है |

इन दिनों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना आवश्यक होता है, क्यूँ कि ऐसा ना करने पर इन्फेक्शन्स का बहुत ज्यादा खतरा होता है | यदि हम इन कुछ बातों का ध्यान रखें तो हम अपना और अपने साथ साथ दूसरों का भी खयाल रख सकते हैं |

१. अपना पॅड हर ४-५ घंटों में बदलें : आप किसी भी कंपनी के पॅड्स खरीदें, चाहे वे ये भी कहें की आपको १०-१२ घंटे तक पॅड बदलने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन साफ सफाई का ध्यान रखने के लिये, अपने पॅड्स को हर ४-५ घंटों में बदलें, ब्लड फ्लो ज्यादा ना होने पर आप ६ घंटों में भी इसे बदल सकते हैं, पर उससे ज्यादा होने पर बॅक्टिरिया इनफेक्शन का डर रहता है | आपको कई बार रॅशेस की तकलीफ हुई होगी, या जलन की भी, इसका कारण ये इन्फेक्शन ही है | यदि आप क्लोथ पॅड्स यूज कर रहे हैं तो उसे गरम पानी में धोएँ, उसे खुली हवा में सुखाएँ |  किसी से शर्माएँ नहीं | ये सभी को होता है | कपडे सुखाते वक्त शर्म के कारण उसे किसी कोने में या  Unhygienic जगह पर ना सुखाएँ | 


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(Cloth Sanitary Pads) 


२. मेन्स्ट्रुअल कप का उपयोग कर के देखें : पर्यावरण की दृष्टि से, हमारे लिये मेन्स्ट्रुअल कप एक बहुत ही अच्छा विकल्प है | इसमें साफ सफाई का ध्यान भी रहता है, और पर्यावरण को पॅड्स के कारण जो नुकसान होता है, वह भी नहीं होता | इसका उपयोग करते वक्त भी आपको सफाई का बहुत ध्यान रखना पडता है | कभी भी कप का उयोग उसे बिना स्टर्लाइज किये अर्थात बिना उबालें ना करें, इसमें बॅक्टिरिया होने के चांसेस होते हैं, कप को ऐसी जगह ना रखें जहाँ उसमें धूल बैठने या कीटाणू जाने का खतरा हो, अर्थात कप को हमेशा अच्छेसे धो के, सुखा कर, पॅक करके रखें, ताकि अगले महीने आप उसका अच्छे से उपयोग कर सकें |


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३. पॅड्स फेंकते वक्त उसे अच्छेसे पॅक करना आवश्यक है : अक्सर जब महीने की तकलीफ में हम हाईजीन की बात करते हैं, तो केवल उन चार दिनों में खुद की तरफ हाईजीन का ही हम ध्यान रखते हैं, हम अक्सर भूल जाते हैं, कि हमारे द्वारा फेंके गए पॅड्स दूसरे उठाते हैं | अत: हमें ये ध्यान रखना चाहिये कि उसे हमें अच्छे से पॅक करें| फेंकते वक्त उसे इस तरह से फेंकना चाहिये कि फेंकने में हमें गंदा ना लगे, और उठाने में दूसरों को | उसे आप न्यूज पेपर, पॉलिबॅग्स या फिर कागज के बॅग में अच्छे से पॅक कर के फेंक सकते हैं, ऐसे कि पॅकिंग खुले ना और समझ भी आ जाए कि ये यूज्ड पॅड है |


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४. वजाइनल एरिया को हमेशा क्लीन रखें : ये रूल तो हमें हमेशा ही फॉलो करना चाहिये लेकिन उन दिनों में इस पर हमें अधिक ध्यान देना आवश्यक है | बार बार अपने वजाइनल एरिया को क्लीन करते रहें | एक साथ दो पॅड्स का उपयोग ना करें और अपने ‘आवश्यक कपडों’ को भी धोते रहें | यदि ब्लड फ्लो ज्यादा है, तो आराम करें, और साफ सफाई का ध्यान रखें |


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५. एक ही सेनिटेशन मेथर्ड को फॉलो करें : कई बार लडकियाँ या महिलाएं एक साथ टेम्पॉन और पॅड्स का उपयोग करती हैं, या कप और पॅड्स का या एक साथ दो पॅड्स का उपयोग करती हैं, ये आपके स्किन के लिये, आपके शरीर के लिये सही नहीं है | एक ही सॅनिटेशन मेथर्ड का उपयोग करें, अर्थात यदि आप टेम्पॉन का उपयोग कर रहे हैं, तो उसी का उपयोग करें, एक साथ दो प्रक्रियाएँ ना अपनाएँ |

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इन कुछ बातों का ध्यान रखते हुए आप महीने के उन दिनों में भी स्वस्थ और ताजा फील करेंगे | स्वच्छता का ध्यान रखते हुए अपनी तबियत का भी ध्यान रखें और बना दीजिये इस समय को एक Happy Bleeding Time.