MSME को बिना गारंटी के मिलेगा 3 लाख करोड़ रुपये का लोन

    13-May-2020
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भारत के लघु मध्यम एवं कुटीर उद्योगों को वरदान :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को कोरोना के इस संकट से बाहर निकालने के लिये २० लाख करोड रुपयों के आत्मनिर्भर भारत पॅकेज की घोषणा की, और आज इस विषय में वित्तमंत्री निर्मला सीतारामण ने प्रेसवार्ता लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं | इसमें सबसे बडी घोषणा यह है कि अब लघु, कुटीर एवं मध्यम उद्योगों को बिना गँरेंटी के ३ लाख करोड रुपये तक का लोन मिलेगा | ये पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा। यह देश की विकास यात्रा को नई गति देगा।


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उनकी इस प्रेसवार्ता के कुछ महत्वपूर्ण पहलू :

१. एमएसएमई को तीन लाख करोड़ रुपये का लोन दिया जाएगा। एमएसएमई के लिए सरकार छह कदम उठाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि 31 अक्तूबर 2020 से एमएसएमई को लोन की सुविधा मिलेगी। बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ तक का लोन दिया जाएगा और 45 लाख एमएसएमई को इसके तहत फायदा होगा। इन्हें एक साल तक मूल धन नहीं चुकाना होगा। तनाव वाली एमएसएमई को 20,000 करोड़ का कर्ज दिया जाएगा।

२. पहले सिर्फ निवेश के आधार पर एमएसएमई की परिभाषा तय की जाती थी, पर अब टर्नओवर के आधार पर भी एमएसएमई की परिभाषा तय की जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि ज्यादा निवेश वाली कंपनियों को भी एमएसएमई के दायरे में ही रखा जाएगा। माइक्रो यूनिट में 25 हजार रुपये तक का निवेश माना जाता था। इसे बदलकर 1 करोड़ रुपये किया गया है। साथ ही अगर टर्नओवर 5 करोड़ तक का है, तब भी आप माइक्रो यूनिट के अंदर ही आएंगे। इससे एमएसएमई का बिजनेस करना आसान होगा और आत्मनिर्भर भारत अब मेक इन इंडिया के तहत आगे बढ़ेगा।

३. 15 हजार रुपये से कम सैलरी वालों को सरकारी सहायता मिलेगी। सैलरी का 24 फीसदी सरकार पीएफ में जमा करेगी। इसके लिए सरकार की ओर से 2,500 करोड़ की मदद दी जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन अगले तीन महीनों के लिए घटाया जा रहा है। यह कदम नियोक्ताओं के लिए उठाया गया है। पीएसयू को 12 फीसदी ही देना होगा। पीएसयू पीएफ का 12 फीसदी ही देंगे लेकिन कर्मचारियों को 10 फीसदी पीएफ देना होगा।


४. निर्माण के काम के लिए छह महीने तक के लिए एक्सटेंशन दिया जा रहा है। निर्धारित समय में किए जाने वाले काम को तय तारीख से छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा 25 मार्च 2020 के बाद जो भी रजिस्ट्रेशन और कंस्ट्रक्शन के लिए आगे बढ़े हैं, उन्हें छह महीने के लिए फायदा होगा। बिल्डरों को भी मकान पूरा करने के लिए अतिरिक्त वक्त दिया जाएगा।

५. एनबीएफसी को 45,000 करोड़ की पहले से चल रही योजना का विस्तार होगा। आंशिक ऋण गारंटी योजना का विस्तार होगा। इसमें डबल ए या इससे भी कम रेटिंग वाले एनबीएफसी को भी कर्ज मिलेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एनबीएफसी के लिए सरकार की 30 हजार करोड़ की स्पेशल लिक्विडिटि स्कीम है। एनबीएफसी के साथ हाउसिंग फाइनेंस और माइक्रो फाइनेंस को भी इसी 30 हजार करोड़ में जोड़ा गया है। इनकी पूरी गारंटी भारत सरकार देगी।


कोरोना के कारण जैसे ही लॉकडाउन की घोषणा हुई, सरकार 1.70 लाख करोड़ रुपये का पैकेज लेकर आई। हमने यह सुनिश्चित किया कि देश का कोई गरीब, किसान और मजदूर भूखा ना रहे। पहली बार जब राहत पैकेज की घोषणा की गई थी उसमें 41 करोड़ अकाउंट्स में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए सीधे मदद पहुंचाई गई।

वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम मोदी ने निर्देश दिया है कि प्रतिदिन अलग-अलग सेक्टर को लेकर जानकारी दी जाएगी। डिमांड को कैसे बढ़ाना है, डिमांड सप्लाई चेन कैसे बनी रहे और अर्थव्यवस्था कैसे दुरुस्त रहे इस पर काम करने की जरूरत है। गरीबों के खाते में सीधा पैसा पहुंच रहा है। डीबीटी के जरिए हमारी सरकार गरीबों तक मदद पहुंचाने का काम कर रही है।

आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए जो संकल्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिया है, उसने देशवासियों में नई ऊर्जा भर दी है। लोग संकट में भी अवर देख रहे हैं। भारत की कंपनियों ने दुनिया में दवाइयां पहुंचाई, जिसकी काफी प्रशंसा हुई। जब तक भारत आत्मनिर्भर नहीं हो जाता, इस दिशा में काम होता रहेगा।