अगले एक साल तक सारे ट्रॅव्हल प्लॅन्स कॅन्सल ?

    28-Apr-2020   
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- निहारिका पोल सर्वटे

दोस्तों कोरोना व्हायरस अपने पैर दिन ब दिन फैलाता जा रहा है | सारे देशों में, लगभग सारे ही देशों में कोरोना ने कोहराम मचा के रखा है | और सभी देशों की अर्थ व्यवस्था मानों घुटनों के बल आ गई है | ऐसी स्थिती में यदि सबसे ज्यादा नुकसान किसी को हुआ है तो वो है ट्रॅव्हल इंडस्ट्री, याने कि पर्यटन | देश को मिलने वाली निधी का एक बडा हिस्सा पर्यटन से आता है | चूँकि अभी सारी फ्लाइट्स, ट्रेनें बंद है, पर्यटन बंद है, होटल्स बंद हैं, ऐसी परिस्थिती में आने वाले लंबे समय तक पर्यटन बंद रहने के आसार हैं | और इस कारण शायद कई लोग आने वाले १ साल तर कहीं भी घूमने जाने का प्लान बनाने से पहले १० बार सोचेंगे | उसके प्रमुख कारण हैं :


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१. डर :
कोरोना बीमारी एक ऐसी बीमारी है, जिसका फैलना बहुत आसान है, और जो बहुत जल्दी समझ भी नहीं आती | अर्थात यदि कोई कोरोना पॉजिटिव्ह है तो उसमें उसके लक्षण लगभग ४ दिन के बाद दिखाई देते हैं | ऐसे में यदि लॉकडाउन समाप्त भी हो जाता है, और सभी साधन पूर्ववत हो जाते हैं, तो भी लोगों के मन में ये डर अवश्य रहेगा कि कहीं ये बीमारी वापस आ गई तो? यदि वापस आ गई और हम उसके शिकार हो गये तो? या यदि अचानक ये वापस फैली और सरकार ने पुन: लॉकडाउन घोषित किया तो? ऐसे में तो हम फँस जाएँगे | इस प्रकार की कई शंका कुशंकाएँ लोगों के मन में रहेंगी और वे कहीं भी जाने से कतराएँगे |

२. महंगाई : दोस्तों इस बीमारी ने पर्यटन इंडस्ट्री की कमर तोड कर रख दी है | ऐसी परिस्थिती में जब धीरे धीरे सब खुलेगा, परिस्थिती पूर्ववत होगी, तब महंगाई सर चढ कर बोल रही होगी | लोगों की कमाई पर, तनख्वाह पर इसका अभी से असर दिखाई दे रहा है | ऊपर से हॉटेल्स के चार्जेस और फ्लाइट की टिकट भी शायद महंगी हो | ऐसे में सामान्य आदमी अपनी आर्थिक स्थिती को संवारना चाहेगा, और ऐसे में पर्यटन उसे फिजूल खर्ची लग सकती है | महंगाई के बढने का परिणाम पर्यटन पर भी दिखेगा |

३. सावधानी : शायद हम कोरोना के पहले अपनी जिंदगी को बहुत ही Taken For Granted लेते थे | लेकिन कोरोना ने हमें सिखाया कि सावधानी बरतना कितना आवश्यक है | जान है तो जहान है | और ऐसी परिस्थिती में लोग कुछ समय तक अधिकाधिक सावधानी बरतने का प्रयत्न करेंगे | और सावधानी के कारण वे अनावश्यक पर्टन, अनावश्यक यात्रा नहीं करेंगे |


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४. पर्यावरण के प्रति जागरुकता :
एक ओर पर्यटन जहाँ देश को निधी देता है, वहीं दूसरी ओर पर्यटन के कारण अधिक मात्रा में प्रदूषण होता है | आप तो जानते ही हैं, कि इस लॉकडाउन की परिस्थिती के कारण आज प्रकृति खुली हवा में साँस ले रही है | प्रदूषण का स्तर घटा है, और पर्यावरण में सुधार हुआ है | जब परिस्थिती पूर्ववत होगी, तब यह पर्यावरण बनाए रखने के लिये भी यात्राएँ कम हो सकती हैं | और इसका सीधा असर पर्यटन पर होगा |

यह सब एक वास्तविक परिस्थिती है दोस्तों | पर्यटन सेक्टर को आने वाले समय में अपने पाँव जमाए रखने के लिये बहुत ज्यादा मेहनत करनी पडेगी | इस नुकसान से उबरने के लिये ट्रॅव्हल कंपनियों को शायद सालों लग जाएँगे | लेकिन ये वास्तविकता होने के बाद भी एक बात ध्यान में रथना जरूरी है | दुनिया बहुत सुंदर है | हाँ अभी शायद हम अपने अपने घरों में कैद है | कोरोना ने हम सभी को बांध कर रखा है | लेकिन एक समय आयेगा जब कोरोना का नामोनिशान मिट चुका होगा | एक समय आयेगा जब हम पहले की तरह मुक्त संचार कर सकेंगे | हम सभी पहले की तरह घूमने जा सकेंगे | ऐसे समय में अपने देश के पर्यटन और ट्रॅव्हल कंपनियों को मदत करना ना भूलें | परिस्थिती सुधरने के बाद, चाहे उसे कितना भी समय लग जाए, लेकिन उसके बाद जब भी आपका कोई भी प्लॅन बने, भारत में बनाएँ | भारत के पर्यटन सेक्टर की मदत करें | स्वदेशी अपनाएँ | एक ना एक दिन दुनिया फिर लोगों से भरी होगी | और हर स्थल पर फिर पर्यटक होंगे | बिना किसी खौफ के, बिना कोरोना के डर के…