‘हर संकट अपने साथ अवसर लेकर आता है’ क्या आपने लिंकडिन पर प्रधानमंत्री मोदी का ब्लॉग पढा ?

    25-Apr-2020   
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेतृत्व गुणों की चर्चा चारों ओर है | आज भारत जिस प्रकार से इस परिस्थिती का सामना कर रहा है, तारीफ - ए - काबिल है | आज भारत के सामने कोरोना के रूप में एक बहुत बडा संकट खडा है | खासकर भारत की अर्थव्यवस्था की दृष्टी से | लेकिन संकट का डट कर सामना करना, संकट काल में भी सकारात्मकता बनाए रखना और संकट में से अवसरों को खोज कर उस अवसर को उपलब्धि में परिवर्तित करना ही तो असली भारतीय की पहचान है | प्रधानमंत्री मोदी इसी त्रिसूत्री के आधार पर आज इस भयंकर संकट का सामना कर देश का नेतृत्व कर रहे हैं | लेकिन इस काल में उनकी कार्यपद्धती बहुत ही दिलचस्प है | आपने प्रधानमंत्री मोदी जी के सोशल मीडिया का निरीक्षण किया? यदि नहीं किया तो अवश्य कीजिये | उनका सोशल मीडिया उनकी कार्य पद्धती के बारे में बहुत कुछ कहता है | प्रधानमंत्री मोदी जानते हैं कि कौन से माध्यम पर किस प्रकार का ऑडियंस होगा, और उसी के आधार पर वे लोगों तक पँहुचते हैं | यदि हम लिंकडिन की बात करें तो देश का युवावर्ग जो अपने प्रोफेशनल काम के लिये सोशल मीडिया का उपयोग करता है वह लिंकडिन पर अधिक मिलता है | इस युवा वर्ग को अर्थव्यवस्था की वर्तमान परिस्थिती को देखते हुए बूस्ट करने और इस संकट काल में नये उद्योजकों के लिये क्या संभावनाएँ हो सकती हैं, यह बताने के लिये प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में लिंकडिन पर एक ब्लॉग लिखा है, जो सभी को अवश्य ही पढना चाहिये |


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उन्होंने इस ब्लॉग की शुरुआत ही युवाओं की भाषा में की है | इस संपूर्ण ब्लॉग में उन्होंने आने वाले काल में उद्योगों को किस प्रकार की बातों का ध्यान रखना चाहिये, और आने वाली आर्थिक परिस्थिती को किस प्रकार से देखना चाहिये, इसके विषय में चर्चा की है | यदि आप युवा है, आंत्रप्रिनियोर अर्थात नवीन उद्योजक हैं, या आप अपने करिअर को लेकर आने वाली परिस्थिती को देखते हुए चिंता में हैं तो अवश्य ही आपको यह ब्लॉग पढना चाहिये |


वे अपने इस ब्लॉग में कुछ महत्वपूर्ण बातों की ओर ध्यान आकर्षित करते हैं, वे कहते हैं “कोविड-१९ ने हमें सिखाया है, कि हमें आरोग्य के क्षेत्र में Low cost and high range इस सूत्र पर काम करना आवश्यक है | हम इस विषय पर ग्लोबली मार्गदर्शक बन सकते हैं. We can become a guiding light for global efforts to ensure the health and well being of humanity. ये उनके शब्द हैं  |वे कहते हैं हमें ‘इन्होवेशन’ के क्षेत्र में काम करने की आवश्यकता है | और हमें इस बात का ध्यान भी रखना बहुत जरूरी है, कि हमारे देश के किसानों तक जानकारी पँहुचे. We should invest in innovations to make sure our farmers have access to information, machinery, and markets no matter what the situation, that our citizens have access to essential goods.

इसके अतिरिक्त वे बहुत ही महत्वपूर्ण ५ बातें बतातें है, जो हमारी युवा पिढी को गांठ बांध कर याद रखनी चाहिये. आगे आने वाले समय में बिझनेस किस प्रकार का हो इस विषय में वे कहते हैं :



( प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लिंकडिन ब्लॉग)


आज की परिस्थिती को ध्यान में रखते हुए कोरोना के पश्चात हमें एक अलग प्रकार के बिझनेस मॉडल को अपनाने की आवश्यकता है | और भारत के युवा यह अवश्य कर सकते हैं | हमें पंचसूत्री का पालन करना है, और वे पाँच सूत्र हैं :


१. Adaptability अर्थात अनुकूलन क्षमता.
२. Efficiency: अर्थात दक्षता
३. Inclusivity: अर्थात सर्व समावेशकता
४. Opportunity: अर्थात अवसर
५. Universalism: अर्थात सार्वभौमिकता

इन पाँच बातों पर जोर देते हुए वे कहते हैं कि, 

१. अनुकूलन क्षमता : सर्वप्रथम हमें एक नया बिझनेस मॉडेल अडॉप्ट करना होगा, अर्थात हमें बदलना होगा और इसलिये हमारी अनुकूलन क्षमता हमें बढानी होगी | जैसे हमें अधिकाधिक डिजिटल कार्य पर काम करना होगा. जिडिटल पेमेंट सिस्टम पर जोर देना होगा | छोटे बडे सभी उद्योगियों को डिजिटल टूल्स में निवेश करना होगा | और साथ ही टेलिमेडिसिन प्रणाली पर जोर देना होगा | 

२. दक्षता : वे कहते हैं, कि दक्षता केवल इस बात में नहीं होती कि आप कितने घंटे ऑफिस में काम करते हैं | आप किस गुणवत्ता का काम करते हैं, यह अधिक मायने रखता है | एक निर्देशित समयकाल में आपका टास्क अर्थात कार्य खत्म होना आवश्यक है | यदि दक्षता का सही उपयोग करेंगे, तो अवश्य ही हम बडे से बडा कार्य कर सकते हैं | 

३. सर्वसमावेशकता : नये बिझनेस मॉडल की सबसे महत्वपूर्ण बात सर्वसमावेशकता होनी चाहिये, इसमें गरीब जनता, पिछडे वर्ग का विचार अवश्य होना चाहिये | साथ ही इसमें पर्यावरण का भी खयाल रखना आवश्यक है | 

४. अवसर : वे यह भी कहते हैं कि, हर संकट अपने साथ अवसर को अवश्य ही लाता है, और कोविड - १९ भी इससे अछूता नहीं है | हमें आने वाले समय में अपने लोगों, अपने स्किल सेट, भारतीय कला, भारतीय ज्ञान का विचार करना चाहिये | उनका योग्य उपयोग करना चाहिये | 

५. सार्वभौमिकता : कोविड - १९ कोई भी धर्म जात रंग रूप नहीं देखता | आने वाले समय में हर बात पीछे छोड भाईचारे पर सर्वाधिक ध्यान देना आवश्यक है | हम सब इस संकट में एक साथ खडे हैं | 


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उनके इस ब्लॉग की सबसे अधिक महत्वपूर्ण बात पंचसूत्री का आखरी सूत्र है | आज देश ऐसे संकट का सामना कर रहा है, जिसका भविष्य हमें नहीं पता | देश का मनोबल कमजोर ना हो इसलिये देश का प्रणेता आगे आने वाले समय का आकलन कर मार्गदर्शन कर रहा है | राजनीति अपनी जगह है, लेकिन उनकी इस पंचसूत्री का पालन अच्छे से किया जाए तो अवश्य ही देश को, देश की अर्थव्यवस्था को इसका लाभ होगा | 

संकट का सामना हम मिलकर कर रहें हैं | इस पंचसूत्री का पालन करते हुए आने वाले समय में हम अपने अपने करिअर को अलग दृष्टी से देखें, अपने व्यवसाय को, उद्योग को अलग दिशा में ले जाएँ, तो भारत आर्थिक संकट का सामना भी बहुत ही मजबूती से कर सकता है | हम कर सकते हैं | हम जरूर करेंगे.. 

- निहारिका पोल सर्वटे