‘असली मसाले सच सच, एमडीएच एमडीएच’ सुनने के बाद आँखों के सामने बस एक ही तस्वीर आती है, वो है एमडीएच मसालों के संस्थापक ९८ वर्ष के दादाजी महाशय धर्मपाल गुलाटी जी की | लेकिन २०२० जिस तरह से सभी मायनों में एक नकारात्मक वर्ष साबित हो रहा है, एमडीएच मसालों के लिये भी यह बहुत ही नकारात्मक वर्ष रहा, क्यों कि आज धर्मपाल गुलाटी जी का निधन हो गया है |
एमडीएच याने कि ‘महाशियान दी हट्टी’ भारत की प्रसिद्ध मसालों की कंपनी रही है | भारत में एमडीएच मसालों के विज्ञापनों और डिब्बों पर उनकी तस्वीर की वजह से धर्मपाल गुलाटी जी को काफी पहचान मिली थी। वे कई विज्ञापनों में स्वयं नजर आते थे | एमडीएच की पहचान उनके कारण थी |
लाल पगडी, टीके और चश्में में नजर आने वाले धर्मपाल जी एमडीएच की जान थे | पिछले तीन सप्ताह से वे अस्पताल में भर्ती थे, आज सबह उन्हें दिल का दौरा पडा और उन्होंने आँखें मूंद लीं | उन्हें व्यापार और वाणिज्य के लिए साल 2019 में भारत के दूसरे उच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी नवाज़ा गया था |
बहुत ही कठिन परिस्थिती से एमडीएच की शुरुआत हुई थी, और आज एमडीएच भारत में मसालों की सबसे बडी कंपनी के नाम से जानी जाती है | यह मेहनत महाशय धर्मपाल गुलाटी और उनके परिवार की थी | उनके जाने से एक युग का अंत हुआ है |