“चलो इस दीपावली को सार्थक बनाएँ”

    15-Nov-2020   
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जैसे की हम सब जानते है साल 2020 हर तरह से तकलीफ देने वाला ही साबित हुआ है, कभी तूफान तो कभी गॅस लीक घटना कभी भारी बारिश तो कभी कुछ और बाकी सारी कसर इस कोरोना वायरस नें पूरी कर दी, जो जीवन में कभी नहीं हुआ था वो सब अनुभव करने मिला, लॉक डाउन, सभी अपने-अपने घरों में बंद, सड़कें वीरान, मुंबई और पुणे जैसे शहर जो कहा जाता था कभी रुकते नहीं वो भी सूने पड़ गए थे।
 
सारे काम बंद, ऑफिस बंद, छोटे-बड़े सभी उद्योगों पर जैसे ताला लग गया।
जो लोग घर से ही काम कर रहे थे उन्होने इस लॉक डाउन का आनंद भी उठाया और साथ ही दुगुनी मेहनत से काम भी किया।
पर जरा उनकी सोचें जो बिचारे दो वक़्त की रोटी के लिए रोज अपने घर से बाहर निकलते थे, ऐसे लोग जो किसी कारखाने या लघु उद्योग के कर्मचारी थे, ऐसे लोग जो किसी इमारत के निर्माण में मजदूरी करते है, ऐसे लोग जो रोज वडा-पाव और चायनीज़ का ठेला लगाते है।
ऐसे तमाम लोगों के लिए ये कोरोना का संकट एक श्राप बनकर आया, अनेक ऐसे लोग बेघर हो गए, काम न मिलने के कारण भूखे रहने को मजबूर हो गए। पिछले 8 महीनों से सारा जीवन ही अस्त-व्यस्त हो गया है और ऐसे में जब दीपावली आने वाली है तो यह सभी के लिये कठिन हो गया है , काम के बिना रह रहे लोग जो बडी मुश्किल से अपना गुजारा कर पा रहें हैं उनके लिये ये तीज-त्यौहार खुशी से ज्यादा तनाव लेकर आया है।
ये सब सोचकर ही बहुत बुरा लगता है.......
आपको भी यही लग रहा होगा ना??
आपके और मेरे जैसी सोच रखने वाली एक युवा लड़की के दिमाग में भी ऐसा ही कुछ आया, अपनी पढ़ाई और घर के कामों के साथ साथ हम अपने देश और समाज के लिए क्या कुछ कर सकते है?
इस विचार के साथ शैली दीवान नें एक नेक काम की तरफ कदम बढ़ाया।
गरीब और अनाथ बच्चे जो किसी झुग्गी-झोपड़ी में रहते है या सड़क के किनारे ही सो जाते हैं, उनको इस दीपावली पर सिर्फ दूसरों को देख कर खुश ना होना पड़े ये सोच कर शैली ने इस काम को करने का निश्चय किया।

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अपना पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही शैली नें “HUMANITY” इस संस्था के साथ मिलकर ऐसे बच्चों के लिए काम करना शुरू किया।
Humanity याने मानवता..... इस नाम में ही इस संस्था का उद्देश्य छिपा है, इस संस्था के अनेक उपक्रम है जो विगत 10 वर्षों से चल रहें हैं, शैली भी उसी संस्था का एक हिस्सा बन गयी और उसने अनाथ और गरीब बच्चों के लिए कुछ नया और अलग करने का सोचा।

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शैली अपनी संस्था humanity के साथ मिल कर गरीब,अनाथ और सड़क पर घूमने वाले बच्चों को दीपावली में जलाने वाले मिट्टी के दीपक उपलब्ध कराती है, एवं उनको अलग-अलग सजावट की सामग्री देती है, वो नन्हें-मुन्ने होनहार उन दीयों को सजातें है, रंग लगातें हैं और सादे से दिखने वाले दीपक सुंदर और आकर्षक रंगों से सजाकर उसे दे देते हैं, अब शैली उन रंग-बिरंगी दीयों को आपके और हमारे जैसे सभी को एक निश्चित दाम में देती है और उससे होने वाली सारी कमाई उन नन्हें-मुन्ने चित्रकारों के लिये खर्च की जाती है। उन पैसों से वो छोटे-छोटे बच्चे अपने लिए बाकी भी बहुत कुछ कर सकते हैं, कोई किताबें खरीद सकता है तो कोई कपड़े, कोई घर में आवश्यक वस्तु खरीद सकता है तो कोई पूजा की सामग्री और मिठाई !!

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है ना अनोखी पहल?
तो आइये हम और आप भी मिल कर शैली की ही तरह किसी जरूरतमंद का यह त्यौहार सार्थक बनाएँ।
ये कोरोना तो इतने जल्दी जाने वाला नहीं, तो क्यूँ न हम आप मिल कर अपने ऐसे भाई-बहनों के बारे में सोचें जिनको कोरोना काल में अपना बहुत कुछ गंवाना पड रहा है।
 
सोचिए यदि हमारे एक प्रयत्न से किसी के घर में दीपावली के दिन रोशनी होगी तो इससे बड़ा पुण्य का काम और क्या हो सकता है?
तो इस दीपावली के पावन पर्व पर आइये हम ये संकल्प लें की हम किसी एक जरूरतमन्द बच्चे को इस त्यौहार को मनाने में सहायता करे।
आप सभी को दीपावली की हार्दिक-हार्दिक शुभकामनायें