हिंदी साहित्य सम्राट: मुंशी प्रेमचंद की पुण्यतिथि के अवसर पर...

    08-Oct-2020   
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हिंदी साहित्य के कहानी सम्राट मुंशी प्रेमचंद ने अपने जीवन में हिंदी की गद्य विधा को उस मुकाम पर जा पहुँचाया जो इतने वर्षों बाद आज भी प्रासंगिक है। उनकी कहानियां जैसे – कफ़न, ईदगाह, बड़े भाई साहब, बूढी काकी, नमक का दरोगा, पूस की रात आदि हो; या उनके द्वारा रचित उपन्यास जैसे – गोदान, गबन, कर्मभूमि, प्रेमा आदि हो; प्रेमचंद की हर रचना हमें एक अलग विश्व में ले जाती है। यह प्रेमचंद के शब्दों की ताकत है कि उनके द्वारा रचित चरित्र का हर दुःख-सुख पाठक महसूस कर पाता है।
 
केवल ५६ वर्षों के अपने जीवन काल में प्रेमचंद ने साहित्य के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया है। उनके द्वारा रचित साहित्य इस वाक्य को सत्य कर देता है – “साहित्य समाज का आईना है।” तो आईएं मुंशी प्रेमचंद के ७४वीं पुण्यतिथि पर उनके साहित्य में जीवन की सच्चाई बतानेवाले और जीवन जीना सिखानेवाले कुछ संवादों/उद्धरणों पर नजर डाले....

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