कुतुब मीनार के ‘लोहस्तंभ’ पर जंग क्यो नहीं लगती ?

    08-Oct-2020
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आप कभी दिल्ली गए हैं ? और यदि गए हैं, तो क्या आपने दिल्ली स्थित कुतुब मीनार देखई है ? वहाँ पर एक बडा सा लोहे का स्तंभ है जिसे ‘Iron Piller या फिर लोहस्तंभ भी कहा जाता है | सन् ४०० के आसपास बना यह स्तंभ रहस्य का विषय है, क्यों की ये पूर्णत: लोहे से बना है, और आज तक इसमें कभी जंग नहीं लगी |


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ऐसी क्या विशेषता है कि इस लोहस्तंभ पर आज तक जंग नहीं चढी ? और यह ज्यों का त्यों है ? प्रसिद्ध पुस्तक “भारतीय ज्ञान का खजाना” के अनुसार, “आयआयटी कानपुर के मटेरिअल एवं मेटर्जिकल इंजीनिअरिंग विभाग के प्रमुख रह चुके आर. सुब्रमण्यम ने इस विषय में काफी अध्ययन किया है | उनके मुताबिक लोहे और फास्फोरस के संयोग का उपयोग सन् ४०० अर्थात सम्राट अशोक के कालखंड में अत्यधिक हुआ करता था | उन्होंने कई प्रयोग किये लेकिन लोहे को पूर्णत: जंगमुक्त होने के लिये लोहे की क्वालिटीबहुत अधिक सशक्त होना आवश्यक है, ऐसा लोहा आज २१वीं सदी में भी नहीं मिलता | ऐसे लोहे का निर्माण ईसा पूर्व काल में होता था, जिससे इस लोहस्तंभ का निर्माम हुआ है | इस स्तंभ पर पहले गरूड की प्रतिमा अंकित थी, इसलिये इसे गरूड स्तंभ कहा जाता था |



भारत में आज भी ऐसी कई संस्थाएँ हैं, जो भारत के इस ज्ञान के बारे में लोगों तक जानकारी पँहुचाने का काम कर रही हैं | विज्ञान भारती भी इन्हीं संस्थाओं में से एक है | इस संस्था द्वारा आयोजित प्रतियोगिया विद्यार्थी विज्ञान मंथन में प्रतियोगियों से भारतीय विज्ञान पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं, इस प्रतियोगिता परीक्षा के पाठ्यक्रम में विशेष रूप से भारतीय विज्ञान संबंधी विषयों का समावेश किया गया है, जिससे अधिकाधिक लोगों तक भारत के विज्ञान संबंधी जानकारी पँहुच सके |


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