An open letter to Gandhi Ji: Why you were silent?

    02-Oct-2020   
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प्रति,
गांधी जी (बापू),

प्रणाम बापू | केम छो ? आप अभी कहाँ हैं, कैसे हैं ? हमें पता तो नहीं है, लेकिन आशा करते हैं, आप कुशल मंगल होंगे | बापू आपके भारत ने आज बहुत प्रगति कर ली है | आज हम दुनिया के शक्तिशाली देशों में से एक है | भारत की सेना दुश्मनों से दो हाथ करने में सक्षम है | भारत की जनता देश के विकास के लिये काम कर रही है | हाँ कोरोना ने थोडा सा ब्रेक लगा दिया था, लेकिन धीरे धीरे हम सभी वापस पटरी पर आ रहे हैं | आपको आज का भारत देख कर कैसा लग रहा है ? 

बापू ये तो मैंने आपको भारत के एक हिस्से की झलक दिखा दी, लेकिन भारत का एक हिस्सा ऐसा भी है जो आज भी धर्म के नाम पर बँटा हुआ है, जो आज भी तथाकथित सेक्युलरिझम के नाम पर देश को हिस्सों में बाँट रहा है, बापू आपके भारत में हिंदुओं पर अत्याचर हो रहे हैं, सीएए एनआरसी के मामले में दिल्ली में भडकी हिंसा तो आपने देखी ही होगी, साथ ही शाहीनबाग का धरना भी आपने देखा था | बापू महाराष्ट्र में साधुओं के साथ हुई मॉबलिंचिंग भी आपने देखी होगी, केरल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों की निर्मम हत्या भी आपकी नजरों में आई ही होगी, बंलगुरु के दंगे भी आपको याद होंगे | 

बापू आपसे एक प्रश्न पूछना था, यदि १९४७ में भारत का बँटवारा नहीं हुआ होता, तो क्या आज देश को पाकिस्तान के रूप में मिला दुश्मन, और देश को अंदर से दीमक की तरह खाने वाले गद्दार मिले होते ? आप तो Non violence अर्थात अहिंसा के पुजारी थे, आपने Non violence की जगह Silence को स्थान क्यों दिया ? 

बापू पंद्रह अगस्त १९४७ की कथा बताने वाली किताब ‘वे पंद्रह दिन’ में हमने पढा है कि आप ५ अगस्त को वाह केंट इस शरणार्थी कँप में थे, वहाँ पर लोग आपके पास आए थे, ये कहने की उन्हें पाकिस्तान नहीं जाना, आज ही यदि ये हालात हैं, तो बँटवारा होने के बाद क्या होगा ? आपने उनसे वहीं रुकने को कहा, आश्वासन भी दिया कि ‘जिन्ना’ को पाकिस्तान चाहिये था, वो उन्हें मिल रहा है, तो फिर आप को कोई कुछ क्यों करेगा ? इसलिये आपने उन शरणार्थियों को पाकिस्तान में ही रुकने के लिये कहा, और बाद में नतीजा हम सभी ने देखा, बँटवारे के वक्त हुए दंगों में वे मारे गए, बापू आपने तब चुप्पी क्यों साधी, आपने कुछ क्यों नहीं किया ? आपने बँटवारा क्यों होने दिया ? 

बापू बँटवारे की आग आज भी भारत को झुलसा रही है, बँटवारा नहीं होता, तो पाकिस्तान जैसा साँप नहीं पनपता, और यदि बँटवारा धर्म के आधार पर ही होना था, तो आज भी वहाँ के हिंदु और सिख बहन भाइयों के साथ अत्याचार क्यों हो रहे है बापू? 

हमने तो ‘वे पंद्रह दिन’ पुस्तक में यह भी पढा है कि, ६ अगस्त को लाहौर में हुई एक सभा में जब आपको वहाँ के लोगों नें पूछा कि ‘बापू हम क्या करें, हमें पूर्वी पंजाब में ही रहना हैं, अन्यथा हम हिंदू होने के नाते मार दिये जाएँगे | तब आपके शब्द थे “मुझे यह देखकर बहुत बुरा लग रहा है कि, पश्चमी पंजाब से सभी गैर मुस्लिम लोग पलायन कर रहे हैं, ऐसा नहीं होना चाहिये, यदि आपको लग रहा है कि लाहौर शहर मृत होने जा रहा है, तो इससे दूर ना भागें | बल्कि इस शहर के साथ ही आप भी अपना आत्मबलिदान करते हुए मृत्यु का वरण करें | मुझए कतई बुरा नहीं लगेगा यदि मुझे खबर मिले कि, पंजाब के लोगों नें डर के मारे नहीं, बल्कि पूरे धैर्य के साथ मृत्यु का सामना किया…” बापू आपने उन काँग्रेस के कार्यकर्ताओं को लाहौर में मरने के लिये कैसे छोड दिया ? 

बापू आप तब भी चुप रहे जब भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु को फाँसी हुई, केवल वे क्रांतिकारी थे इसलिये. आप तब भी चुप रहे जब देश दो हिस्सों में बँट गया, अखंड भारत के टुकडे हो गए | आप तब भी चुप रहे जब देश का नेतृत्व योग्य हाथों में नहीं गया | आपने चुप्पी साधी रखी, मैं इसका कारण जानना चाहती हूँ बापू आपने ऐसा क्यों किया ? 

खैर आपके जन्म दिवस पर मुझे आपको बधाइयाँ देनी चाहिये, बापू आपको जन्मदिवस की ढेर सारी शुभकामनाएँ, मुझे आपको बताते हुए आनंद हो रहा है कि, आपने जो स्वच्छता का पाठ हमें पढाया था, वो शायद हम भूल गए थे, लेकिन आप ही के समान देश के एक और बेटे याने कि मोदी जी ने फिर एक बार ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के चलते हमें उस पाठ की याद दिलाई | 

बापू, जो इतिहास में हुआ वो हो गया, उसे हम बदल नहीं सकते, लेकिन युवा भारत होने के नाते हम आपको यह वचन देते हैं कि, आपके इस भारत को ऊँचाईयों के शिखर तक पँहुचा के रहेंगे | हम इसे फिर कभी बँटने नहीं देंगे | हम इसे फिर कभी जलने नहीं देंगे | जो अराजक तत्व आज भी इस भारत के, भारत के मुकुट कश्मीर के हिस्से करना चाहता है हम उनके मंसूबों को कभी भी सफल नहीं होने देंगे | 

ये नया भारत है बापू, हम इसे विश्व गुरु बनाकर रहेंगे | ये वचन है आपको इस नये भारत का !!!!
 
 

इस नये भारत की बेटी,
निहारिका पोल सर्वटे