‘FREE KASHMIR’ का असली मतलब इनसे पूछो : शिकारा ट्रेलर A must watch...

    08-Jan-2020
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आज शिकारा फिल्म का ट्रेलर रिलीझ हुआ और पूरे इंटरनेट पर केवल इसी फिल्म की चर्चा है | काश्मीरी पंडितों के साथ हुए अन्याय की कथा बताती इस फिल्म के ट्रेलर ने काश्मीर की असली समस्या और काश्मीरी पंडितों के साथ हुई हिंसा को बयाँ किया है | कल मुंबई में हुए आंदोलनों में ‘फ्री काश्मीर’ का पोस्टर लिये खडी एक महिला के विषय में काफी चर्चा हुई, फ्री काश्मीर का असली अर्थ क्या है, ये इस ट्रेलर को देख कर पता चलता है | विधू विनोद चोप्रा की यह फिल्म ‘शिकारा’ ७ फरवरी २०२० को रिलीझ हो रही है |


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विधू विनोद चोप्रा की माँ काश्मीरी पंडित थीं, और उन्हें अपना घर छोड कर एक रात में भागना पडा | अपने ही देश में वे और ऐसे कयी परिवार शरणार्थी बन गये | रातों रात काश्मीरी पंडितों के घर जला दिये गये, कयी लोग मारे गये, हजारों लोग बेघर हो गये, कयी अपनों से हमेशा के लिये बिछुड गये | ऐसे सभी काश्मीरी पंडितों की कहानी का बखान करती इस फिल्म के ट्रेलर को बहुत पसंद किया जा रहा है | २००८ में विधू विनोद चोप्रा नें यह फिल्म बनाने का निर्णय लिया, यह फिल्म उनकी माँ को दी गयी श्रद्धांजली है |



१९ जनवरी १९९० को हजारों काश्मीरियों को उनका घर छोड कर भागना पडा, ३० साल बाद इन काश्मीरी पंडितों की कहानी को बताने वाली यह फिल्म आ रही है | हाल ही में काश्मीर से धारा ३७० हटाने पर इस विषय में बहुत चर्चा की गयी | लेकिन केवल इंटरनेट के बंद हो जाने पर बवाल मचाने वालों के लिये यह फिल्म आँखे खोलने का काम करेगी |


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इस फिल्म में मुख्य किरदार निभाएँ हैं, आदिल खान और सदीदा इन नये कलाकारों ने | इस फिल्म को संगीत दिया है, ए. आर. रहमान नें | काश्मीरी पंडितों की कहानी, विधू विनोद चोप्रा का दिग्दर्शन, ए.आर रहमान का संगीत कोई संदेह नहीं की पूरा देश इस फिल्म के लिये उत्साहित है | काश्मीर की सच्ची कहानी जाननी है तो वो बिना काश्मीरी पंडितों के संभव ही नहीं है |