नए साल का पहला सप्ताह और रेसोल्यूशन...

    11-Jan-2020
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वर्ष 2020, नए साल की पहली गलती ये तारीख सही लिखना थी ना! मेरी भी! खैर! जनवरी शुरू होकर 10 दिन हो चुके हैं और मेरे ख्याल से अब तक लगभग हम सभी को 2020 लिखने की आदत लग चुकी हैं! और अब, बात जब आदतों पर आ ही गई है तो इसी विषय को लेकर आगे बढ़ें? नया साल कहते ही अक्सर दो ऐसे विषय हैं जिनके बारे में चर्चाएं होती हैं – नए साल की पार्टी और नए साल के रेसोल्यूशन! तो चलिए आज इसी विषय पर बात करते हैं!
 

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2020 ये केवल नया साल ही नहीं तो नया दशक भी है, ये पता चलते ही इस वर्षारंभ का उत्साह/डर (आप जिस दृष्टिकोण से देखना चाहे।) अचानक दोगुना, चौगुना हो जाता है ना! मेरे साथ भी कुछ ऐसे ही हुआ! फिर क्या था, तारीख थी 20 दिसंबर, इस उत्साह/डर से मैं तुरंत काम पर लग गई। सबसे पहले नए साल का स्वागत कैसे किया जाए इसका एक “ग्रेट प्लान” बनाया और फिर एक अच्छी-सी, लंबी-चौड़ी रेसोल्यूशन लिस्ट बनाई और बस, लग गए काम पर!

जब 31 दिसंबर आई तो दिन की शुरुवात से ही ये तय हो चुका था कि कुछ भी मेरे “ग्रेट प्लान” के मुताबिक नहीं होने वाला। पहले ऑफिस देरी से पहुंची, फिर वहां से देरी से निकली। दोस्तों से मिलने पहुंची, तो हर कोई अपनी चलाने के चक्कर में था और डिनर कहाँ करना है ये अंत तक तय नहीं हो पाया... आखिर ढेर सारी “चर्चाओं” के बाद वही हुआ जो हम हर बार करते है। (और क्योंकि अब तक मैं अपने ‘ग्रेट प्लान’ के बारे में पूरी तरह भूल जाना चाहती थी।) रात 11 बजे तक हम हमारे ‘ट्राइड एंड टेस्टेड’ फर्ग्युसन कॉलेज रोड पर आ धमके, जहाँ सोने पर सुहागा, कुछ रिश्तेदार भी मिल गए! काउंट-डाउन कब शुरू हुआ, कब ख़त्म हुआ, पता भी नहीं चला और 2020 शुरू हो गया।

1 जनवरी 2020, कितनी ही उम्मीदों से भरा हुआ था। रेसोल्यूशन की मेरी लंबी-चौड़ी लिस्ट बिलकुल तैयार थी – सुबह जल्दी उठना है, सैर के लिए जाना है, व्यायाम करना है, अच्छी किताबें पढनी हैं, केवल घर का स्वास्थ्यवर्धक भोजन खाना है, रोजाना लिखना है, काम से हटकर कुछ अलग लिखना है और काफी कुछ। लेकिन इन सब में एक महत्त्वपूर्ण चीज गिनी ही नहीं – 31 दिसंबर का नाईट-आउट! सुबह उठकर सैर करें कब, जब घर ही सुबह 4 बाजे लौटे है! तो हुआ ये कि उसी समय पर उठे जब रोजाना उठते है। अपने सुबह के काम निपटाए, तैयार हुए और चल दिए ऑफिस! बड़ी-बड़ी उम्मीदों और सपनों से भरा 1 जनवरी बिलकुल वैसा गया जैसे उससे पहले के 365 दिन गुजरे थे!


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दिन ख़त्म होने पर जब बिस्तर में लेटकर अगले दिन का अलार्म चेक करने के लिए अपनी घड़ी हाथ में ली, तब अपने रेसोल्यूशन लिस्ट की याद आई। थोड़ी निराशा तो आने लगी थी लेकिन घड़ी पर नज़र पड़ी और उस ख्याल को वही रोक दिया, कल से शुरू करते है। फिर अगले दिन यानी 2 तारीख की रात को – कल से शुरू करते है; 3 तारीख – छोड़ो अब तो शनिवार आ गया, सोमवार से ही शुरू करते है... हम सब कुछ जानकर-समझकर भी खुद को कितने बहाने दे सकते हैं ना! 6 तारीख को ऑफिस निकलने के लिए तैयार हो रही थी तब मेरे मन ने ही मुझे वो जेनेरिक जवाब दे दिया – अरे, नए साल के रेसोल्यूशन तो तोड़ने के लिए ही बनाए जाते हैं!

7 जनवरी को, नया साल शुरू होने के ठीक एक सप्ताह बाद मैंने अपने रेसोल्यूशन की लिस्ट बाहर निकली, अपनी प्यारी डायरी से वो पन्ना फाड़कर डस्टबिन में फेंक दिया। अपने अच्छे स्वास्थ्य, मन की शांति और खुशी के लिए किए गए निर्णय ही, पूरे न होने से, व्याकुलता का कारण बने तो समझ जाना चाहिए कि कुछ गलत हो रहा है। तो अब क्या किया जाएं? जिंदगी जैसी जा रही है उसमें कुछ खराबी नहीं है, लेकिन, ज्यादा पाने की इंसानी फितरत भी नहीं छुटती। अपने निर्णयों को तनावरहित होकर पूरा करने के लिए एक नया तरीका सोचा है, शायद काम कर जाएं। रेसोल्यूशन न कहकर अपने नए साल के निर्णयों को मैंने ‘संकल्प’ का नाम दिया है। और 2020 का मेरा केवल एक संकल्प है – सेल्फ लव।

तो 8 जनवरी से मैं सुबह उठकर अपनी रेसोल्यूशन की चेकलिस्ट नहीं देखती। बिना तनाव लिए अपने रोजाना के काम करती हूँ और अपनेआप समय बच जाता है जिसे अपने तरीके से एक्स्प्लोर कर, हर दिन को खूबसूरत बनाने की कोशिश होती है।

तो मेरे प्यारे रीडर्स, आपके नए साल के रेसोल्यूशन क्या है? क्या आप इन्हें पूरा कर पा रहे है? या कुछ कुछ मेरे जैसी कैफियत है? क्या आपकी भी कोई रेसोल्यूशन कहानी है? तो हमारे साथ जरुर शेयर कीजिएगा।

में द फोर्स बी विथ यू!🖖🏼

- श्रुती बी