वेल डन हैदराबाद पुलिस, हमें आप पर गर्व है

    06-Dec-2019
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आज सुबह सुबह खबर आई कि, हैदराबाद पुलिस ने हाल ही में हुए भीषण बलात्कार और हत्या मामले में आरोपी चारों को एनकाउंटर में मार गिराया | और संपूर्ण भारत में मानों सभी का सर गर्व से ऊँचा हो गया | पुलिस के मुताबिक रात करीब ३-५ बजे के बीच हैदराबाद पुलिस उन सभी आरोपियों को लेकर घटनास्थल पर पँहुची, यहाँ पर सीन रिक्रिएट करने की प्रकिया की जा रही थी, और इस प्रक्रिया में आरोपियों ने भागने की कोशिश की, पुलिसकर्मियों के हथियार छीनने और पत्थरबाजी करने की कोशिश की, उसके बाद पुलिस के एनकाउंटर में चारों आरोपियों की मौत हो गयी |

कुछ लोग, कुछ मीडियाकर्मी अभी भी हैदराबाद पुलिस पर सवाल उठा रहे हैं, और यह जो भी हुआ वह कानून के दायरे में नहीं हुआ ऐसा कह रहे हैं दूसरी ओर आज सबह से ही हैदराबाद पुलिस की तारीफ हो रही है, लोग उनके पाँव छू रहे हैं, उन पर फूल बरसा रहे हैं, क्यों ?... क्यों कि आम जनता को कानून शायद समझ ना आये लेकिन न्याय जरूर समझ आता है, और हैदराबाद पुलिस ने पीडिता और उसके परिवार वालों के साथ न्याय किया है |




निर्भया को क्या मिला? ७ सालों की लंबी कानूनी लडाई जो अभी भी जारी है, आरोपी अभी भी सजा से दूर है, महाराष्ट्र के कोपर्डी में नन्ही बच्ची पर हुए अत्याचारों के बाद उसके परिवार को न्याय मिलना बाकी है, और देश में ऐसे एक नहीं अनेक केसेस हैं, जिन मामलों में सालों बीत गये लेकिन कानूनी कारवाई चल ही रही है और न्याय नहीं हुआ | ऐसे में हैदराबाद पुलिस ने १० दिन के भीतर पीडिता और उसके परिवार को न्याय दिया है | जो कि अपने आप में सराहनीय है | आज सुबह से यह खबर सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रही है | अनेक मॅसेजेस व्हायरल हो रहे हैं | “यूथ की आवाज” तो यही है कि जो हुआ बहुत अच्छा हुआ | युवा अपने सोशल मीडिया पर कह रहे हैं “यदि यह एनकाउंटर सच्चा है तो हैदराबाद पुलिस को १० बार सलाम, और यदी यह झूठा है तो १०० बार सलाम.”

अनेकों का कहना है कि पुलिस को न्याय हाथ में नहीं लेना चाहिये था, और इस एनकाउंटर की जाँच होनी चाहिये? लेकिन यदि आप युवा महिलाओं से पूछें, या देश की किसी भी महिला से पूछे वो यही कहेगी जो न्याय कानून नहीं कर सकता था, यदि धोके से ही लेकिन पुलिस ने किया है तो पुलिस के ऐसे निर्णय को सलाम है, और इस एनकाउंटर पर जाँच नहीं बिठाई जानी चाहिये | क्या होता अगर वे आरोपी भाग जाते, क्या होता अगर पिडीता को लंबे समय तक न्याय नहीं मिलता? उंगलियाँ पुलिस पर उठाई जाती कि उसने किया क्या.. आज जब उन्होंने इतनी बडी कारवाई की है, तो देश को एकजुट होकर उनका साथ देना चाहिये |
 

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पुलिस की इस एक कारवाई से आने वाले हजार अपराध टल सकते हैं | अपराधियों को या ऐसी घिनौनी, विकृत मानसिकता रखने वाले लोगों को इससे सीख मिल सकती है, कि ऐसा अपराध करने का हश्र क्या होता है | हाँ कानून में ऐसा कुछ प्रावधान अवश्य होना चाहिये कि, ऐसे जघन्य अपराध करने वालों का अपराध सिद्ध होते ही साथ जिस तरह पिडीता को मारा गया, या जो यातनाएँ पिडीता ने भुगती वैसी यातनाएँ देकर ही उन्हें खत्म करना चाहिये, तभी होगा बराबर का न्याय |

जिस जगह अपराध हुआ पुलिस ने वहीं एनकाउंटर कर पिडीता को न्याय दिया है | एनकाउंटर असली है या नकली, सच है झूठ इन बातों में अब कुछ नहीं रखा | सत्य यही है कि वही हुआ जो होना चाहिये था | वेल डन हैदराबाद पुलिस, हमें आप पर गर्व है.. |